छत्तीसगढ़ सरकार का सवर्णों को आरक्षण नहीं, आय प्रमाण पत्र को लेकर दिया निर्देश

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रायपुर10 मई (हि.स.) । सवर्णों का आय प्रमाण पत्र सक्षम अधिकारी द्वारा जारी किये जाने के छत्तीसगढ़ सरकार के आदेश को लेकर प्रदेश में आरक्षण को लेकर एक बार फिर से राजनीति गरमा गई है। इसे लेकर सोशल मीडिया पर भी टिप्पणियों का दौर जारी है।
उल्लेखनीय है कि इसे लेकर सोशल मीडिया में यह खबर चलने लगी कि छत्तीसगढ़ प्रदेश में भूपेश सरकार ने सवर्णों को दस प्रतिशत आरक्षण दे दिया है। बाद में जब इस बारे में मंत्रालय में अधिकारियों से जानकारी ली गई तो इस खबर को गलत पाया गया। सामान्य प्रशासन विभाग ने स्पष्ट किया कि अभी सवर्णों के आय प्रमाण पत्र को लेकर निर्देश जारी किये गये हैं जिसमें कहा गया है कि उनके आय प्रमाण पत्र सक्षम प्राधिकारी ही जारी करेंगे।
उच्चाधिकारियों ने कहा कि उक्त आदेश को लेकर गलतफहमिया हो गई और सोशल मीडिया पर  यह हल्ला हो गया कि प्रदेश में आर्थिक तौर पर पिछड़े वर्ग को नौकरियों में दस प्रतिशत का आरक्षण दे दिया गया है। उन्होंने बताया कि नोटिफिकेशन में सवर्णों का आय प्रमाण पत्र जारी करने के लिए सक्षम प्राधिकारियों की नियुक्ति की गई है। जबकि हकीकत यह है कि आय प्रमाण पत्र की जरूरत तो वैसे भी पडऩी ही है, इसलिए प्राधिकारियों की नियुक्ति करना सरकार की मजबूरी थी।
उल्लेखनीय है कि केन्द्र सरकार ने केन्द्रीय सेवाओं और शैक्षणिक संस्थाओं में सवर्णों को दस प्रतिशत का आरक्षण दिया है जिसका लाभ उक्त संस्थानों में कार्यरत लोगों सहित प्रदेश के निवासियों को भी मिलेगा। यह तभी संभव है जब लोगों के पास सक्षम आय प्रमाण पत्र हो।
प्रमाण पत्र राज्य सरकार देती है। इसीलिए प्रमाण पत्र के लिए अफसरों की नियुक्ति की गई है। लेकिन, इस आदेश के आने के बाद प्रदेश में आरक्षण का मुद्दा फिर जोर पकडऩे लगा है।
ओबीसी के आरक्षण पर पहले से फंसा है पेच-
छत्तीसगढ़ में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को 14 फीसद आरक्षण दिया जा रहा है। ओबीसी वर्ग वर्षो से प्रदेश में 27 फीसद आरक्षण लागू करने की मांग को लेकर आंदोलित है। तमिलनाड़ू समेत कुछ अन्य राज्यों में 27 फीसद आरक्षण दिया जा रहा है। इससे उन राज्यों में कुल आरक्षण सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित आरक्षण की सीमा 50 फीसद से ज्यादा हो गया है। छत्तीसगढ़ में ओबीसी आबादी करीब 45 फीसद है। आबादी के अनुपात में आरक्षण नहीं मिल रहा है। सवर्ण आरक्षण पर चर्चा शुरू होते ही ओबीसी वर्ग नाराजगी जताने लगा है।
एससी आरक्षण का भी मामला लंबित-
छत्तीसगढ़ में पहले अनुसूचित जाति (एससी) वर्ग को 16 फीसद आरक्षण दिया जा रहा था। पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने कुछ साल पहले आरक्षण कोटे का पुनर्निर्धारण किया और एससी आरक्षण का कोटा 16 से घटाकर 12 फीसद कर दिया। चार फीसद की कटौती के बाद से ही एससी वर्ग आंदोलित है। सवर्ण आरक्षण का मुद्दा उठने के बाद फिर से एससी-ओबीसी संयुक्त मंच गठित करने की बात कही जा रही है।
एसडीएम और तहसीलदार बनाएंगे प्रमाण पत्र
सवर्ण आरक्षण के लिए सालाना आठ लाख की आय सीमा निर्धारित की गई है। आय प्रमाण पत्र के लिए संबंधितों को एसडीएम या तहसीलदार के पास आवेदन देना होगा। इन्हें ही सक्षम प्राधिकारी बनाया गया है। सक्षम प्राधिकारी आवेदनों की जांच करेंगे और मौके पर जाकर आय कितनी है यह पता करेंगे। इसके बाद प्रमाण पत्र जारी किया जा सकेगा।

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