चालू वित्त वर्ष में कंपनियों ने कॉर्पोरेट बॉन्ड्स से जुटाए 4.74 लाख करोड़
मुंबई, 15 फरवरी (हि.स.)। भारतीय घरेलू कंपनियों ने चालू वित्त वर्ष के पहले 10 महीने (अप्रैल 2018-जनवरी 2019) में अपनी व्यापारिक जरूरतों को पूरा करने के लिये कॉरपोरेट बांड के निजी नियोजन के जरिये कुल 4.74 लाख करोड़ रुपये जुटाये हैं। वर्ष 2007 में जब से कॉर्पोरेट बॉन्ड्स में निवेश की शुरूआत हुई है, तब से इसमें बेहतर कारोबार हो रहा है। इसके अलावा बाजार नियामक सेबी ने बड़ी कंपनियों से अपने दीर्घकालीन कोष का एक चौथाई हिस्सा बांड बाजार से जुटाने की योजना को भी शुरू किया है। इसका लाभ कंपनियों को मिलता दिख रहा है।
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के पास उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, कंपनियों ने चालू वित्त वर्ष 2018-19 की अप्रैल-जनवरी अवधि में 4,74,972 करोड़ रुपये बांड के जरिये जुटाए हैं। पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में बीएसई पर कॉर्पोरेट बॉन्ड्स के जरिए कुल 4,75,997 करोड़ रुपये जुटाए गए थे। कारोबारी योजना के विस्तार तथा कार्यशील पूंजी जरूरतों को पूरा करने के लिये यह राशि जुटायी गई है।
सेबी की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, कॉर्पोरेट बांड्स में ट्रेडिंग का औसत वित्त वर्ष 2014-15 से लगातार बढ़ रहा है। चालू वित्त वर्ष में बीएसई पर अप्रैल में 48,912.74 करोड़ रुपये का कारोबार हुआ था, जबकि मई 2018 में यह बढ़कर 49383.75 करोड़ रुपये हो गया। हालांकि जून 2018 में कंपनियों ने 53079.63 करोड़ रुपये कॉर्पोरेट बॉन्ड्स के जरिए जुटाए थे, जबकि दिसंबर 2018 में 56467.11 करोड़ रुपये और जनवरी में अब तक कुल 55223.13 करोड़ रुपये जुटाए जा चुके हैं।
कंपनियों को जुलाई से नवंबर महीने में सबसे कम रकम कॉर्पोरेट बॉन्ड्स के जरिए मिले थे। जुलाई 2018 में कॉर्पोरेट बॉन्ड्स के जरिए कंपनियों को अब तक का सबसे कम फंड मिले थे। जुलाई में 11555.75 करोड़ रुपये ही जुटाए जा सके थे, जबकि अक्टूबर 2018 में 35876.15 करोड़ रुपये, सितंबर 2018 में 37394.78 करोड़ रुपये और नवंबर 2018 में 40772.97 करोड़ रुपये ही जुटाए गए थे। जुलाई से नवंबर 2018 के महीने में कंपनियों को कॉर्पोरेट बॉन्ड्स के जरिए कुल 1,25,599.65 करोड़ रुपये ही मिले थे।