ग्वालियर संसदीय सीट पर ग्रामीण मतदाताओं के आशीर्वाद से सजता है ताज

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-भ्रम तोड़ रहे हैं विवेक, सौम्य छवि की लहर
ग्वालियर, 30 अप्रैल (हि.स.)। ग्वालियर संसदीय क्षेत्र में ग्रामीण मतदाताओं वाली पांच विधान सभाएं हैं। इनमें जिस पार्टी का दबदबा होता है, जीत उसी पार्टी के उम्मीदवार को नसीब होती है। अब तक का चुनावी इतिहास इस तथ्य को उजागर करता है। ऐसे में भाजपा उम्मीदवार विवेक नारायण शेजवलकर ने अपना पूरा ध्यान करैरा, पोहरी, डबरा, भितरवार और ग्वालियर ग्रामीण पर कर रखा है। कहने का मतलब यह कि जिसे ग्रामीण मतदाताओं का आशीर्वाद मिला, जीत का ताज उसी पार्टी के उम्मीदवार के सिर सजता है।
ग्वालियर संसदीय क्षेत्र से भाजपा के उम्मीदवार विवेक नारायण शेजवलकर मंगलवार को अपने जनसंपर्क की शुरुआत सिरसौद से की है। चूंकि शेजवलकर के पिता नारायण कृष्ण शेजवलकर यहां से दो बार सांसद रहे हैं। वह भाजपा, जनसंघ के वरिष्ठ नेता भी थे, इसलिए क्षेत्र में विवेक को कोई परेशानी नहीं हो रही है। विवेक जिस गांव, पंचायत/चौपाल पर पहुंचते हैं, वहां कोई न कोई व्यक्ति उनके पिता के परिचय का मिल ही जाता है, इसलिए उन्हें ग्रामीण मतदाताओं से जनसंपर्क करने में कोई कठिनाई नहीं आ रही है।
आरोप है कि कांग्रेस की ओर से यह भ्रम फैलाया जा रहा है कि शेजवलकर को ग्रामीण क्षेत्रों में कोई नहीं जानता। वे सिर्फ शहरी उम्मीदवार होकर रह गए हैं। लेकिन ग्रामीण मतदाताओं के बीच जिस तरह का उत्साह देखने को मिल रहा है। वह साफ कर रहा है कि विवेक की ग्रामीण मतदाताओं के बीच अच्छी पैठ है। विवेक की सौम्य छवि की लहर कांग्रेस उम्मीदवार पर भारी पड़ती दिख रही है। लोग आपस में चर्चा कर रहे हैं कि विवेक सौम्य, मिलनसार हैं। ईमानदार भी हैं। ग्वालियर को ऐसा ही सांसद चाहिए। शायद यही बातें हैं जो कांग्रेस को नागवार लग रही हैं और वह भाजपा के उम्मीदवार शेजवलकर के खिलाफ बातें कर रहे हैं।

 


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