गुरु नानक देव की 550वीं जयंती पर अमेरिका में तैयारियां
भारत में गुरुद्वारों के दर्शन करने वाली सिख संगत को वीजा दिए जाने पर विचार
ललित मोहन बंसल
लॉस एंजेल्स, 04 मार्च (हि.स.)| अमेरिका के बड़े शहरों में गुरु नानक देव की 550वीं जयंती 20 नवंबर को धूमधाम से मनाई जाएगी। इस अवसर पर अमृतसर स्वर्ण मंदिर सहित अन्यान्य भारतीय गुरुद्वारों के दर्शन की इच्छुक सिख संगत को वीजा उपलब्ध कराने के लिए दूतावास बड़े स्तर पर गुरुद्वारों में वीजा शिविर लगाए जाने के बंदोबस्त कर रहे हैं। सरदार निर्मल सिंह ने बताया कि लॉस एंजेल्स में 20 नवंबर को गुरु नानकदेव की 550वीं जयंती मनाई जाएगी।
अमेरिका में वाशिंगटन डी सी में मुख्य दूतावास के अलावा न्यूयॉर्क, शिकागो, एटलांटा और सान फ़्रांसिस्को में कंसलटेंट जनरल के आफिस हैं, जहां वीजा जारी किए जाते हैं। अमेरिका में गुजराती समुदाय के बाद सिख समुदाय दूसरी बड़ा भारतीय मूलवंशी समुदाय है। विदित हो, मोदी सरकार ने गुरु नानक की 550वीं जयंती के सिलसिले में दुनियाभर के दूतावासों और मिशन को अपेक्षित सहयोग दिए जाने के निर्देश जारी किए थे।
हालीवुड स्थित अमेरिका में बने पहले गुरुद्वारे के प्रधान बलदेव सिंह ने बताया कि सान फ़्रांसिस्को स्थित कंसलेट में डिप्टी कंसुलेट रोहित रितेश के नेतृत्व में एक चार सदस्यीय दल रविवार को गुरुद्वारे आया था। इस अवसर पर गुरुद्वारे की प्रबंध समिति के पदाधिकारियों में रोनक सिंह, भूपेन्द्र सिंह ढिल्लो, निर्मल सिंह और अमरजीत सिंह मौजूद थे। रोहित रितेश ने गुरु नानक की 550वीं जयंती के बारे में बातचीत की। उन्होंने गुरुद्वारे में एक निश्चित स्थान और तिथियों के बीच वीजा संबंधी सुविधाएं दिए जाने का भी आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि भारत में अमृतसर सहित अन्य गुरुद्वारों के दर्शन करने जाने वाले सिख संगत को शिविर में वीजा आदि की सुविधाएं दी जा सकेंगी। इसकी तिथियां जल्दी घोषित कर दी जाएंगी।
रोनक सिंह ने बताया कि जहां-जहां सिख संगत हैं, गुरुद्वारे हैं, वहां गुरु नानक देव की जयंती धूमधाम से मनाई जाने की सूचना आ रही है। उस दिन नगर कीर्तन और बच्चों के दिनभर के प्रोग्राम के साथ सारे दिन लंगर चलेगा। कैलिफोर्निया में करीब पांच लाख सिख रहते हैं, जो अरसे से यहां रह रहे हैं। इसके बाद न्यूजर्सी, न्यूयार्क, एटलांटा और ह्युस्टन में बड़ी संख्या में सिख परिवार रहते हैं, जिनमें बच्चे और युवाओं की एक बड़ी संख्या अभी तक भारत नहीं गई है। उन्हें स्वर्ण मंदिर, करतार साहिब सहित कई अन्य गुरुद्वारे जाने का मौका मिलेगा।