गुड़िया और खिलौने बेचने को मजबूर पूर्व मंत्री
हरिद्वार, 31 अगस्त (हि.स.)। राजनीति को भले ही कुछ लोग गलत मानते हों, किन्तु आज भी राजनीति में ऐसे लोग हैं जो उसूल पसंद हैं और राजनीति को कमाई का जरिया न मानकर सेवा का कार्य मानते हैं। कुछ ऐसे लोग हैं जो सत्ता का सुख भोगने के बाद भी संघर्ष का जीवन जीने को मजबूर हैं। ऐसे ही एक नेता हैं हरिद्वार के रमेश निरंजन।
निरंजन को साल 2006 में तत्कालीन मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी की सरकार में गन्ना और चीनी विभाग में दर्जा प्राप्त मंत्री बनाया गया था। राज्य सरकार में दर्जा प्राप्त मंत्री रहने वाले रमेश निरंजन आज भी हरिद्वार में गंगा किनारे एक छोटी सी दुकान लगाकर माला चूड़ियां बेच रहे हैं। उनका दर्द है कि पूर्व सीएम तिवारी ने पार्टी के प्रति निष्ठा एवं कार्य के प्रति ईमानदारी को देखते उन जैसे छोटे समर्पित कार्यकर्ता को अपनी सरकार में मंत्री बनाया था। लेकिन कुछ नेताओं को तिवारी का ये फैसला रास नहीं आया। उन नेताओं के इशारे पर विभागीय अधिकारियों ने उनसे तरह-तरह के कार्य करवाने की कोशिश की और उनके ईमान को डिगाने का प्रयास किया लेकिन उन्होंने इसके बाद भी तिवारी के भरोसे को कभी टूटने नहीं दिया और पूर्ण समर्पण के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया। निरंजन की ईमानदारी का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि वो हरिद्वार में गंगा किनारे पिछले 40 सालों से छोटी सी दुकान लगाकार माला चूड़ी आदि बेचते हैं।
मंत्री बनने से पहले भी वो फुटपाथ पर इसी सरलता से समान बेचा करते थे। रमेश निरंजन शुरू से ही कांग्रेस के साथ रहे और एक सामान्य कार्यकर्ता की तरह पार्टी के लिए समर्पण से कार्य करते रहे हैं। निरंजन संजय गांधी के जमाने से पार्टी के लिए समर्पित रहे हैं और उनके नेतृत्व में उन्होंने पार्टी और संगठन की वर्षों सेवा की। रमेश निरंजन ने बताया कि आलाकमान के निर्देश पर वर्ष 2006 में तत्कालीन मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी ने उन्हें गन्ना और चीनी विकास विभाग में राज्य मंत्री का दर्जा प्रदान किया। जब उन्हें यह पद दिया गया था तब भी वह माला चूड़ी बेचने का ही कार्य करते थे। राज्य मंत्री बनाये जाने से पार्टी के कई बड़े नेता उनसे नाराज थे इसलिए व्यक्तिगत द्वेष से प्रेरित पार्टी के कुछ नेताओं ने उन्हें कई तरीकों से परेशान किया। विभागीय अधिकारी भी भ्रष्टाचार पर उनके सख्त रुख और अंकुश लगाए जाने से परेशान थे। ऐसे लोगों ने उन्हें कार्य नहीं करने दिया और उनको मिलने वाली सरकारी सुविधाएं तक उन्हें नहीं दी गईं लेकिन वो अपने खर्च पर ही सारा कार्य करते रहे।
करीब डेढ़ साल तक अपने विभाग में पूरी ईमानदारी के साथ उन्होंने कार्य किया। आज जिंदगी की गाड़ी चलाने के लिए रमेश निरंजन फुटपाथ पर चूड़ियां बेचते हैं। उनकी इस हालत को देखकर कोई कह नहीं सकता कि वो एनडी तिवारी की सरकार में दर्जा प्राप्त मंत्री थे। हालांकि, आज भी निरंजन पार्टी के प्रति पूर्ण रूप से समर्पित हैं। लेकिन मंत्री रहते पार्टी के नेताओं ने उनके साथ जो कुछ किया उसकी टीस आज भी उनके मन में है। सत्ताएं बदलीं और वर्तमान में पार्टी में उनकी कोई पूछ नहीं है। उनका कहना है कि आज चापलूस और भ्रष्ट नेताओं की वजह से ही कांग्रेस का यह हाल हुआ है। पार्टी में कार्यकर्ताओं की अनदेखी और केवल चंद लोगों को ही तरजीह मिलने से पार्टी की ये दुर्गति हुई है। उनका कहना है कि पार्टी आलाकमान सोनिया और राहुल को भ्रष्ट नेताओं की पहचान करनी चाहिए और आम कार्यकर्ता को सम्मान देना चाहिए। तभी उत्तराखंड में पार्टी फिर से वापस आ सकती है। राज्य मंत्री रहे रमेश निरंजन ना तो कोई ऊपरी कमाई की और ना ही अपने पद का दुरुपयोग कर लाभ उठाया। आज उनके पास ना पैसा है और ना ही कोई जमापूंजी, जो थी वो राजनीति के चक्कर में गंवा दी।
मंत्री पद से हटने के बाद अभी भी रमेश निरंजन गंगा किनारे श्रद्धालुओं को माला-चूड़ी-खिलौने आदि बेचकर अपना परिवार पाल रहे हैं। लेकिन इसके बाद भी पार्टी को लेकर उनका जज्बा कम नहीं हुआ है। वो आज भी संजय और राजीव गांधी को अपना आदर्श मानते हैं और राहुल गांधी और सोनिया गांधी के नेतृत्व पर उनकी पूरी निष्ठा है।