गुगुल का चीन में आर्टीफ़िशियल इंटेलीजेंस में सहयोग को लेकर विवाद उभरा

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लॉस एंजेल्स, 27 मार्च (हि.स.)। गुगुल सीईओ सुंदर पिच्छाई ने दावा किया है कि कंपनी का चीन में आर्टीफ़िशियल इंटेलीजेंस में सहयोग अकादमिक स्तर तक सीमित है। इस बारे में पिच्छाई बुद्धवार को वाशिंगटन डीसी में मिलिट्री के एक वरिष्ठ अधिकारी से मिलकर स्थिति स्पष्ट करेंगे।
उल्लेखनीय है कि जनरल डन्फ़र्ड ने हाल ही में सीनेट के सम्मुख साक्ष्य में संदेह व्यक्त किया था कि गुगुल आर्टीफ़िशियल इंटेलीजेंस के ज़रिए चीनी मिलिट्री का सहयोग दे रहे हैं। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भी ट्वीट कर कहा था कि गुगुल अमेरिका की मदद करने की बजाए चीन की मदद कर रहा है। इस पर कम्पनी ने शनिवार को अधिकृत बयान जारी कर इस आशय के संदेह को निराधार बताया था और कहा था कि वह चीनी मिलिट्री की कोई मदद नहीं कर रहे हैं। इसके साथ कम्पनी ने यह भी कहा था कि उसका चीन में आर्टीफ़िशियल गतिविधियां शैक्षणिक शोध में मदद करना और मार्केट एलगोरिथम को समझना और वैश्विक स्तर इसके उपायों का पता लगाना मात्र है।
गुगुल ने पिछले वर्ष पेंटागन के आर्टीफ़िशियल टूल ‘प्रोजेक्ट मावेन’ में सहयोग से इनकार कर दिया था। इस पर कांग्रेस में राजनीतिक पार्टी के दोनों पक्षों की ओर से गुगुल के इस रवैए पर तीव्र प्रतिक्रिया जताई गई थी। ‘ब्लूमबर्ग’ की एक रिपोर्ट के अनुसार चीन में गुगुल ही नहीं, अमेरिका की अन्य टेक कंपनियां एमेजन और माइक्रोसाफट भी आर्टी फ़िशियल इंटेलीजेंस लैब भी काम करने की भी इच्छा ज़ाहिर कर चुकी हैं। ये चीन में कलाउड सेवाएँ दे रही हैं।


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