गिरीश चंद्र चतुर्वेदी बने आईसीआईसीआई बैंक बोर्ड के अध्यक्ष
नई दिल्ली, 30 जून (हि.स.)। चंदा कोचर विवाद के बीच आईसीआईसीआई बैंक प्रबंधन बोर्ड ने सेवा निवृत आईएएस अधिकारी गिरीश चंद्र चतुर्वेदी को गैर कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त कर दिया है। मौजूदा अध्यक्ष एमके शर्मा का कार्यकाल कल 30 जून को समाप्त हो रहा है और चतुर्वेदी पहली जुलाई से बोर्ड के अध्यक्ष होंगे। उल्लेखनीय है कि एमके शर्मा भी गैर कार्यकारी अध्यक्ष ही हैंं। यह जानकारी बैंक के कॉरपोरेट कॉरपोरेशन विभाग के प्रमुख कौशिक दत्ता ने दी है।
इस बीच चतुर्वेदी की नियुक्ति को रिजर्व बैंक की भी स्वीकृति मिल चुकी है। बोर्ड ने चतुर्वेदी को पहली जुलाई से तीन साल के लिए अपर (स्वतंत्र) निदेशक भी बनाया है। लेकिन इसके लिए शेयरधारकों की मंजूरी लिया जाना बाकी है। लेकिन चतुर्वेदी ने पत्रकारों की ओर से इस जानकारी की पुष्टि नहीं की। उन्होंने कहा कि बोर्ड ने उनका बायोडाटा मांगा था और उन्होंने भेज दिया। हालांकि उन्होंने यह जरूर कहा कि अगर उन्हें आमंत्रण दिया जाता है तो वह पद को स्वीकार कर लेंगे।
यहां गौर करने वाली बात है कि चतुर्वेदी की नियुक्ति उस वक्त हो रही है जब बैंक की सीईओ सह एमडी चंदा कोचर को बोर्ड ने अनियमितता के आरोप के चलते छुट्टी पर भेज दिया है। कोचर पर आरोप है कि उन्होेंने अपने पति दीपक कोचर के कारोबारी मित्र व वेणुगोपाल धूत की कंपनी वीडियोकॉन को 3250 करोड़ रुपये की राशि कर्ज दिलाने में मदद की। हालांकि बैंक ने अभी तक चंदा कोचर के खिलाफ कुछ नहीं बोला है। बैंक के मौजूदा अध्यक्ष एमके शर्मा ने तो कोचर को क्लीनचिट ही दे दी थी। इससे पहले बैंक ने चंदा कोचर को छुट्टी पर भेजने से पहले आईसीआईसीआई प्रुडेंसियल के अधिकारी संदीप बक्शी को मुख्य कार्यकारी अधिकारी बना दिया था।
कोचर की अनुपस्थिति में वह उनके काम को देखेंगे। हालांकि कोचर विवाद पर चतुर्वेदी ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। चतुर्वेदी 1977 बैच के आईएएस अधिकारी थे। वह उत्तर प्रदेश कैडर से संबद्ध थे। अपनी सेवा काल में वह पेट्रोलियम व नेचुरल गैस में सचिव का पद संभाल चुके हैं। इससे पूर्व वह वित्त मंत्रालय में अपर सचिव (वित्तीय सेवा) का काम भी कर चुके हैं। वे आईडीबीआई बैंक लिमिटेड, बैंक अॉफ बड़ौदा लिमिटेड व कैनरा बैंक लिमिटेड के बोर्ड में भी रह चुके हैं।
उन्होंने भौतिकी विज्ञान में स्नाकोत्तर व सामाजिक नीति विज्ञान में लंदन स्कूल अॉफ इकॉनोमिक्स स्नाकोत्तर की डिग्री ली है। साथ ही उन्होंने अॉक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से आर्थिक इतिहास पर शोध भी किया है। चतुर्वेदी की नियुक्ति से चंदा कोचर मामले पर असर के बारे में बैंक के कॉरपोरेट कम्यूनिकेशन प्रमुख कौशिक दत्ता ने बताया कि चतुर्वेदी ईमानदार अधिकारी रहे हैं और अब दूध का दूध व पानी का पानी हो जाएगा।