खेल मंत्री ने निवेशकों से की खेल के विकास के लिए आर्थिक योगदान की अपील

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नई दिल्ली, 26 जुलाई (हि.स.)। खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने निवेशकों से देश में खेल के विकास के लिए आर्थिक योगदान करने की अपील की है। खेलमंत्री ने कहा कि सरकार एक ऐसी परियोजना शुरू करने जा रही है, जिसमें देश में 8 से 10 साल की उम्र के कौशल की संभावनाओं को पहचान कर उन्हें छात्रवृत्ति दी जाएगी।

खेलमंत्री ने गुरूवार को भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ग्लोबल स्पोर्ट्स शिखर सम्मेलन ‘स्कोरकार्ड’ में कहा कि यह खेल में निवेश करने का समय है। स्कूलों में 10 करोड़ छात्र हैं। हम स्कूल बोर्डों, राज्य सरकारों और यहां तक कि सशस्त्र बलों के साथ साझेदारी करेंगे। ये साधारण परीक्षण के आधार पर 8 से 10 वर्षीय बच्चों की शारीरिक फिटनेस की पहचान करेंगे और फिर उन्हें एक प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराया जाएगा।

उन्होंने कहा कि पहले 5000 बच्चों का चयन किया जाएगा, इसके बाद इनमें से 1000 बच्चों का चयन किया जाएगा और उन्हें आठ साल तक 5 लाख रुपए छात्रवृत्ति के तौर पर दी जाएगी।

खेलमंत्री ने कहा कि 1990 से आज तक, सभी ओलंपिक पदक विजेता और संभावित पदक विजेता को राष्ट्रीय खेल विकास कोष (एनएसडीएफ) द्वारा आर्थिक सहायता दी जाती है। उन्होंने कहा कि यह एक ऐसा फंड है जिसे सार्वजनिक क्षेत्रक उपक्रम (पीएसयू) द्वारा काफी हद तक समर्थित किया गया है, अब हम इसे पूरे देश में खोल रहे हैं।

खेल मंत्री ने कहा कि सरकार इस साल निर्माताओं के शिखर सम्मेलन की भी योजना बना रही है, जहां अंतरराष्ट्रीय कंपनियां अपने भारतीय समकक्षों के साथ मिलकर एक साथ आएंगी और सरकार को बताएंगी कि भारत में खेल उपकरण बनाने के लिए नीति संशोधनों की क्या आवश्यकता है।

उन्होंने कहा कि वर्ष 2019 तक, खेल उद्योग 75 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच जाएगा, यह न केवल व्यक्तियों के लिए बल्कि निगमों के लिए भी अच्छा है। यह भारतीय खेल की कहानी का हिस्सा बनने का समय है।


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