कुम्भ: पहला शाही स्नान 15 को, सबसे पहले महानिर्वाणी के संन्यासी लगायेंगे डुबकी
कुम्भ नगर (प्रयागराज ), 14 जनवरी (हि.स.)। तीर्थराज प्रयाग में कुम्भ का आधिकारिक आगाज मकर संक्रांति के अवसर पर मंगलवार को प्रथम शाही स्नान से होगा। मेला प्रशासन ने शाही स्नान की तैयारियां देर रात तक पूरी कर लीं। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद और कुम्भ प्रशासन द्वारा तय समय के अनुसार सबसे पहले महानिर्वाणी और अटल अखाड़ा के संन्यासी पवित्र संगम में डुबकी लगायेंगे।
परंपरा के अनुसार सभी 13 अखाड़ों का शाही स्नान संगम नोज पर होगा। इसके पहले अखाड़े के संन्यासी पूरी भव्यता के साथ जुलूस की शक्ल में संगम तक पहुंचेंगे। इसके लिए मेला प्रशासन ने अखाड़ों की छावनी से संगम तक के लिए भव्य मार्ग का निर्माण किया है।
शाही स्नान के लिए अखाड़ों की शाही यात्रा में अखाड़ों के निशान और उनके ईष्ट देवताओं की सवारी सबसे आगे रहेगी। इसके लिए अखाड़े रविवार से ही तैयारी में लगे हैं। अखाड़ों के प्रथम शाही स्नान में सैकड़ों महामंडलेश्वर, हजारों नागा संन्यासी और तमाम विदेशी श्रद्धालु भी शामिल होंगे। जूना अखाड़े के साथ पहली बार किन्नर अखाड़ा भी शाही स्नान करेगा। केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति भी आज निरजंनी अखाड़े की महामंडलेश्वर बन रही हैं। वह भी शाही स्नान में शामिल होंगी।
अखाड़ा परिषद के महामंत्री और जूना अखाड़े के संरक्षक महंत हरि गिरि ने हिन्दुस्थान समाचार को बताया कि उनके यहां कुल 351 महामंडलेश्वर हैं और नागा संन्यासियों की संख्या अनगिनत हैं। ये सभी शाही स्नान में शामिल होंगे। उधर निर्मोही अखाड़े के महंत राजेंद्र दास ने बताया कि शाही स्नान में सबसे ज्यादा अनी अखाड़े के संन्यासी हैं। विदेशी भक्तों की संख्या भी बहुत ज्यादा है। उन्होंने कहा कि जगद्गुरु बल्लभाचार्य महराज सबसे आगे रहेंगे।
शाही स्नान का समय
कुम्भ मेला के प्रथम शाही स्नान को लेकर मेला प्रशासन और अखाड़ा परिषद के पदाधिकारी रविवार देर रात तक बैठक कर हर अखाड़े के स्नान की अवधि और अन्य तैयारियों को अंतिम रुप दिया। बैठक में मेलाधिकारी विजय किरण आनंद, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक केपी सिंह, अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरी और महामंत्री हरि गिरि सहित अन्य 13 अखाड़ों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। शाही स्नान की परंपरा के अनुसार सबसे पहले महानिर्वाणी अखाड़े का जुलूस संगम नोज पहुंचेगा तो वही सबसे पीछे निर्मल अखाड़े का स्नान होगा।
सबसे पहले महानिर्वाणी
1-महानिर्वाणी और अटल अखाड़ा के शाही स्नान की शोभा यात्रा सुबह 5.15 बजे। संगम रोज आगमन 6.15 बजे, स्नान का समय 40 मिनट, स्नान के बाद प्रस्थान 6.55 पर।
2-निरंजनी और आनंद अखाड़ा का छावनी से प्रस्थान सुबह छह बजे, संगम नोज आगमन 7.5 पर, स्नान का समय 40 मिनट और प्रस्थान 7.45 पर।
3-जूना, अग्नि, आवाहन और किन्नर अखाड़ा का स्नान के लिए प्रस्थान सुबह सात बजे, संगम नोज पर आगमन आठ बजे स्नान का समय 40 मिनट, वापसी 8.40 पर।
4-निर्मोही अखाड़ा का शिविर से प्रस्थान पूर्वाहन 9.40 बजे, संगम नोज पर आगमन 10.40 बजे, स्नान का समय 40 मिनट और शिविर में वापसी 11.10 बजे।
5-दिगंबर अखाड़ा प्रस्थान शिविर से 10.20 बज,े संगम नोज पर आगमन 11.20 बज,े स्नान का समय 50 मिनट और शिविर में वापसी 12.10 पर।
6-निर्वाणी अखाड़ा शिविर से प्रस्थान 11.20 पर, संगम नोज पर आगमन 12.20 पर, स्नान का समय 30 मिनट और प्रस्थान 12.50 पर।
7-नया पंचायती उदासीन अखाड़ा शिविर से प्रस्थान दोपहर 12.15 पर, संगम नोज आगमन 1.15 पर, स्नान का समय 55 मिनट और वापसी 2.10 पर।
8-बड़ा पंचायती उदासीन अखाड़ा शिविर से प्रस्थान 1.20 बजे, संगम नोज पर आगमन 2.40 बजे, स्नान का समय एक घंटा और वापसी 3.20 पर।
9-निर्मल अखाड़ा अपराह्न 2.40 पर शिविर से प्रस्थान, संगम नोज पर आगमन 3.50 पर, स्नान का समय 40 मिनट और शिविर में वापसी 4.20 पर।
रात दो बजे बदलेगी संक्रांति
कुम्भ का प्रथम शाही स्नान मकर संक्रांति मंगलवार को पड़ रहा है। ज्योतिषाचार्य डा0 ओमप्रकाशाचार्य के अनुसार सोमवार की रात 2.12 बजे सूर्य का संक्रमण मकर में होगा। इसके बाद मकर संक्रांति का स्नान प्रारम्भ हो जाएगा। इस योग में सूर्य धनु राशि से चलकर मकर राशि में प्रवेश करेंगे। साथ ही सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायण हो जाएंगे। यहीं से देवताओं का दिन व दैत्यों की रात आरंभ होगी। संक्रांति का यह योग मंगलवार शाम 5.18 बजे तक है। ऐसे में श्रद्धालु दिनभर स्नान कर सकेंगे। मेला प्रशासन ने संगम के अलावा गंगा तट पर कुल 19 स्नान घाटों का निर्माण किया है।
सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
कुम्भ मेला के प्रथम शाही स्नान के मद्देनजर प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये हैं। पूरे मेला क्षेत्र में जल, थल और नभ से सुरक्षा की व्यवस्था की गयी है। सिविल पुलिस के अलावा केंद्रीय सुरक्षा के जवानों को चप्पे-चप्पे पर तैनात किया गया है। शाही स्नान की पूर्व संध्या पर जवानों ने संगम का पवित्र जल लेकर कर्तव्य और दायित्व की शपथ भी ली। अपर पुलिस महानिदेशक एसएन साबत, मंडलायुक्त डा0 आशीष गोयल, पुलिस महानिरीक्षक मोहित अग्रवाल, मेला एसएसपी /डीआइजी केपी सिंह, मेलाधिकारी विजय किरण आनंद समेत सभी अधिकारी प्रथम स्नान पर्व पर दिन भर मेला क्षेत्र में सतर्क रहेंगे।
तीर्थराज प्रयाग में संगम की रेती पर मंगलवार से कुम्भ मेले का आगाज हो रहा है। कुम्भ का आयोजन चार मार्च को पड़ रहे महाशिवरात्रि तक जारी रहेगा। इस दौरान तीन शाही स्नान और तीन अन्य प्रमुख स्नान पर्व होंगे। पूरा मेला क्षेत्र 3200 हेक्टेअर क्षेत्र में 20 सेक्टर में बसाया गया है।