कुंभ:मौनी अमावस्या पर मौन डुबकी शुरु
कुंभनगरी(प्रयागराज), 04 फरवरी(हि.स.)। कुंभ नगरी में रविवार देर रात मौनी अमावस्या के पावन पर्व की मौन डुबकी शुरु हो गई। श्रद्धालुओं ने मेला प्रशासन की घोषणा के बाद डुबकी लगाना शुरु कर दिया।
कुंभ नगरी में संगम की रेती पर देश-विदेश से आए करोड़ों श्रद्धालुओं ने रविवार की देर रात मौन डुबकी शुरु कर दी। मुहूर्त के अनुसार मौनी अमावस्या रविवार की रात 11 बजकर 12 मिनट पर शुरु हो गई है। जो सोमवार व मंगलवार की रात करीब डेढ़ बजे रहेगी।
नियत समय पर मेला प्रशासन ने माईक पर घोषणा करते हुए बताया कि मौनी अमावस्या का स्नान का समय शुरु हो गया है। सभी श्रद्धालु मौनी डुबकी लगा सकते हैं। यह भी निवेदन किया गया कि श्रद्धालुओं से निवेदन है कि स्नान करने के बाद घाट को खाली कर दें।
मेला प्रशासन की ओर से मौनी अमावस्या पर 40 घाटों पर 8 किमी क्षेत्र में स्नान करने के लिए घाट बनाए गए हैं। करीब 3 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं को स्नान करने की संभावना है।
मौनी अमावस्या स्नान को लेकर मेला प्रशासन ने सुरक्षा के अभूतपूर्व इंतजाम किये हैं। मेले में श्रद्वालुओं व स्नानार्थियों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो, इसके लिये मेला प्रशासन पूरी तरह सजग और सतर्क है तथा हर स्थिति पर पैनी नजर रखे हुये हैं।
श्रद्धालुओं की सुविधा व सुरक्षा को लेकर लगातार माइक्रो लेविल पर रेलवे, चिकित्सा, सुरक्षा, बस अड्डों आदि स्थलों का निरीक्षण किया जा रहा है। किसी भी प्रकार की कोई अप्रिय घटना न होने पाये, इसके लिये कुम्भ मेला व जिला प्रशासन जल, थल और नभ से निगरानी भी कर रहा है।
मण्डलायुक्त आशीष गौयल की मानें तो मौनी अमावस्या स्नान के लिए 500 शटल बसों की निशुल्क चलाया जा रहा है। रविवार को पूर्वान्ह 11 बजे तक 2.50 लाख लोगों को शटल बस की सेवाएं दी गई।
एडीजी एस0एन0 सावत ने बताया कि अखाडों के शाही स्नान के लिये समय सारिणी के अनुसार अखाड़ों का शाही स्नान संगम नोज पर सुबह 6.15 बजे से शुरू हो जाएगा। सबसे पहले श्री पंचायती अखाडा महानिर्वाणी, श्री पंचायती अटल अखाड़ा स्नान करेंगे। उसके बाद पंचायती निरंजनी अखाड़ा, तपोनिधि श्री पंचायती आनन्द अखाडा 7.05 बजे संगम तट पर पहुंचेगे। उसके बाद पंचदशनाम जूना अखाडा व श्री पंच दशनाम आवाहन अखाड़ा व श्री शम्भू पंच अग्नि अखाडा 8 बजे घाट पर पहुंचेगे। उसके बाद अखिल भारतीय श्री पंचनिर्वाणी अनी अखाडा 10.40 बजे, अखिल भारतीय श्री पंच दिगम्बर अनी अखाडा 11.20 बजे, अखिल भारतीय श्री पंच निर्मोही अनी अखाडा 12.20 बजे स्नान करेंगे। उसी तरह श्री पंचायती अखाडा नया उदासीन अपरान्ह 1.15 बजे, श्री पंचायती अखाडा बडा उदासीन 2.20 बजे, श्री पंचायती अखाडा निर्मल 3.40 बजे स्नान करने हुये स्नान घाट पहुंचेंगे।
डी.आई.जी. ने बताया कि फोर्स भी बढ़ा दी गयी है। आपातकालीन योजना भी बनाई गयी है। अखाड़ों से सम्पर्क मेला प्रशासन बनाये हुये हैं। मेला प्रशासन ने अपील किया है कि श्रद्धालु एवं स्नानार्थी जिस क्षेत्र में आ रहे हैं उसी क्षेत्र में स्नान करें।
मेलाधिकारी विजय किरन आनन्द ने बताया कि सफाई व्यवस्था के लिये अभूतपूर्व प्रबंध किये गये हैं। आईसीसीसी के माध्यम से पूरे मेला पर नजर रखी जा रही है।
डीआईजी व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक(कुम्भ मेला) के.पी. सिंह ने बताया कि सम्पूर्ण मेला क्षेत्र को 10 जोन एवं 25 सेक्टर (सर्किल) में बांटा गया है। प्रत्येक जोन का प्रभार अपर पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारी को तथा प्रत्येक सेक्टर का प्रभार पुलिस उपाधीक्षक स्तर के अधिकारी को दिया गया है। मेले में बनाये गये 40 थानों पर प्रभारी निरीक्षक स्तर के अधिकारी तथा 58 चौकियां पर उपनिरीक्षक स्तर के अधिकारी तैनात रहेंगे। आपातकाल हेतु 43 फायर स्टेशन व 15 सब-फायर स्टेशनों, कुल 58 फायर स्टेशनों के साथ 40 फायर वाच टॉवर एवं 96 कन्ट्रोल वाच टॉवर स्थापित किये गये हैं। तत्कालिक एवं निर्बाध संवाद के लिए 12 वायरलेस ग्रिड तथा एक इंटीग्रेटेड कमाण्ड कन्ट्रोल सेंटर (आई.सी.सी.सी.) स्थापित किया गया है।
बताया कि मेला क्षेत्र में 440 सी.सी. टी.वी. कैमरों की मदद से सतत् निगरानी की जा रही है। मेला क्षेत्र में 50 पुलिस उपाधीक्षक, 13 अपर पुलिस अधीक्षक, 21 सहायक पुलिस अधीक्षक सहित एक-एक पुलिस अधीक्षक व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक भी तैनात हैं। 6500 होमगार्ड व 398 रिक्रूट आरक्षी के साथ-साथ 7425 आरक्षी, 756 मुख्यआरक्षी, 696 उपनिरीक्षक व 72 निरीक्षकों की तैनाती की गयी है। रेडियो शाखा के एक एस.आर.ओ., 2 एडिशनल एस.आर.ओ., 6 ए.आर.ओ., 17 आर.आई. सहित 535 अधिकारी व कर्मचारी तैनात हैं। इसी प्रकार अग्निशम शाखा के 1 उपनिदेशक, 10 अग्निशमन अधिकारी, 22 एफ.एस.ओ., 49 एफ.एस.एस.ओ. सहित 871 अधिकारी व कर्मचारी तैनात हैं।
इसके अलावा पी.ए.सी. की कानून व्यवस्था के लिए 14 कम्पनियां व बाढ़ राहत के लिए 6 कम्पनियां तैनात हैं। सी.ए.पी.एफ. की कुल 37 टीमें, एन.डी.आर.एफ. 10 व एस.डी.आर.एफ. की 2 टीमें तैनात की गयी हैं।
उत्तराखण्ड पुलिस से भी 1 पुलिस उपाधीक्षक, 5 निरीक्षक, 20 उपनिरीक्षक, 35 मुख्यआरक्षी, 65 आरक्षी एवं पी.ए.सी. की 2 कम्पनी तैनात की गयी है। साथ ही एस.टी.एफ. की 1 टीम, ए.टी.एस. की 2 टीम, एन.एस.जी. की 1 एडवांस टीम, बी.डी.डी.एस. की 5 टीम, ए.एस. चेक की 18, 12 डॉग स्क्वॉड टीम तथा 2 टीम स्पॉटर्स की तैनात है। उन्होंने यह भी बताया कि संदिग्ध व्यक्तियों व वस्तुओं के तलाश के लिए समय-समय पर आपरेशन स्वीप चलाया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि सिक्योरिटी प्लान बहुत ही पुख्ता बनाया गया है। श्रद्धालुओं से धूपबत्ती, फूल-माला आदि नदी में प्रवाहित न करने के लिए आह्वान किया गया।
उल्लेखनीय है कि मौनी अमावस्या को कुंभ पर्व का सबसे बड़ा स्नान पर्व माना जाता है। इस पर्व के शाही स्नान पर सभी पर्वों की अपेक्षा स्नान करने का ज्यादा महत्व माना जाता है। इसके लिए दो दिन पूर्व से ही श्रद्धालुओं का सैलाब प्रयागराज की धरती पर जमा होना शुरु हो गया था। मुहूर्त शुरु होते ही श्रद्धालुओं ने अमृत पान करने और पुण्य फल की इच्छा के साथ आस्था और विश्वास की डुबकी शुरु की।