काशी में गणेश चतुर्थी व्रत के लिए मौसमी फलों, तिल और गुड़ से बने लड्डू की जमकर बिक्री
वाराणसी, 20 जनवरी (हि.स.)। धर्म नगरी काशी में गुरुवार को महिलाएं गणेश चतुर्थी (संकष्टी चतुर्थी) व्रत के पूजन सामग्री की खरीदारी में जुटी रहीं। व्रत में गणपति को चढ़ाये जाने वाले मौसमी फल के साथ ही काले तिल और गुड़ से बने लड्डू की जमकर बिक्री हो रही है। संतान के दीर्घ जीवन और सुख समृद्धि के लिए श्रद्धालु महिलाएं शुक्रवार 21 जनवरी को माघ कृष्ण पक्ष की चतुर्थी (गणेश चतुर्थी) व्रत रखेंगी। पूरे दिन भगवान गणेश की मानस आराधना करेंगी। शाम को चंद्रोदय के उपरांत अर्घ्य देकर भगवान गणेश का विधि-विधान से पूजन करेंगी। संतान की दीर्घायु, आरोग्यता, सुख-समृद्धि की कामना के लिए भगवान गणेश की चतुर्थी पर विशेष रूप से आराधना की जाती है।
ज्योतिष विद् मनोज उपाध्याय के अनुसार चतुर्थी तिथि 21 जनवरी शुक्रवार को सुबह 7.26 बजे से लेकर 22 जनवरी शनिवार की सुबह 7.24 बजे तक रहेगी। वहीं, चंद्रोदय रात 8.39 बजे होगा। चतुर्थी तिथि में चंद्रोदय काल मिलने से माताएं 21 को व्रत रखेंगी। पुराणों में लिखा है कि संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान गणेश का व्रत करने से व्यक्ति की हर मनोकामना पूरी होती है। इस दिन कथा सुनने से गणपति की कृपा प्राप्त होती है। पूजन में पांच मौसमी फल के साथ ही काले तिल और गुड़ से बने लड्डू, फूल-दुर्वा, अक्षत आदि चढ़ाया जाता है। उधर, कोरोना काल में मंदिरों में दर्शन पूजन कोविड प्रोटोकाल के अनुरूप होगा।
लोहटिया स्थित बड़ा गणेश दरबार में दर्शन पूजन के लिए मंदिर प्रबंधन ने तैयारियां पूरी कर ली हैं। पर्व पर बड़ा गणेश का भव्य श्रृंगार होगा और श्रद्धालुओं को बिना मास्क के प्रवेश नहीं दिया जाएगा। एक बार में पांच से अधिक श्रद्धालु मंदिर में प्रवेश नहीं करेंगे। मंदिर में कोई भी श्रद्धालु एक स्थान पर खड़ा नहीं होगा। शहर के अन्य गणेश मंदिरों में भी तैयारी पूरी कर ली गई है।