काबुल शांति वार्ता में चाहबहार बंदरगाह को लेकर अहम चर्चा

0

लॉस एंजेल्स, 06 जनवरी (हि.स.)| अफ़ग़ानिस्तान सरकार की पहल पर काबुल में शनिवार को शांति वार्ता में चाहबहार बंदरगाह को लेकर अहम चर्चा हुई। इस वार्ता में तालिबान से यह आग्रह किया गया है कि वह दशकों से मिलिटेंसी का रवैया छोड़कर अफ़ग़ान राजनीति में हाथ बँटाए | वहीं सेंट्रल एशिया के साथ व्यापार की दृष्टि से चाहबहार बंदरगाह के सामरिक महत्व को ध्यान में रखते हुए परस्पर सहयोग भी करे । सेंट्रल एशिया में व्यापारिक दृष्टि से भारत के लिए यह बंदरगाह महत्वपूर्ण है। इस पर भारत, ईरान और अफ़ग़ानिस्तान ने 2016 में चाहबहार बंदरगाह के विकास और विस्तार के लिए एक सामरिक संधि पर हस्ताक्षर भी किए थे। इस बंदरगाह का विकास चार चरणों में पूरा किया जाना है, जबकि अभी तक एक चरण ही पूरा हो सका है। इस पर भारत ने भी करोड़ों रुपये निवेश किया है। यह बंदरगाह ओमान और ईरान के बीच खाड़ी में ईरानी तटीय सीमा पर बना हुआ है।
इस शांति वार्ता में ईरान के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे अरकचि ने कहा है कि ईरान अफ़ग़ान सरकार की नेकनीयती पर संतुष्ट है और वह तालिबान से मिल-बैठकर 17 साल से चले आ रहे युद्ध को समाप्त करने के लिए तत्पर है। सुप्रीम नेशनल सिक्यूरिटी काउंसिल के सचिव अली शमखनी ने पिछले सप्ताह घोषणा की थी कि ईरान प्रतिनिधिमंडल तालिबान से विचार विमर्श कर रहा है। पिछले सप्ताह संयुक्त अरब अमीरात में अमेरिका और तालिबानी प्रतिनिधिमंडल की बातचीत के बाद काबुल वार्ता को महत्व दिया जा रहा है । उधर तालिबान ने भी दावा किया है कि उसकी संयुक्त अरब अमीरात, पाकिस्तान और सऊदी अरब प्रतिनिधियों से बातचीत चल रही है।


प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *