कर्नाटक की 28 लोकसभा सीटों में जद (एस) मांग रही 12 , कांग्रेस दे रही 7, खींचतान जारी
नई दिल्ली, 23 फरवरी (हि.स.)। कर्नाटक में सत्ताधारी दल कांग्रेस और जनता दल (एस) आपसी मतभेद के बाद भी दस माह से सरकार चला रहे हैं। इन दोनों के विधायकों को खरीदने का, तोड़ने का, सरकार गिराने का कई बार प्रयास राज्य भाजपा नेता येदियुरप्पा कर चुके हैं। उन पर कुछ सप्ताह पहले सत्ताधारी दलों के विधायकों को तोड़ने के लिए मंत्री पद व करोड़ों रुपये का प्रलोभन देने की बातचीत का टेप उजागर हुआ था। जिस पर सत्ताधारी पार्टी ने उनके विरूद्ध केस दर्ज कराकर एसआईटी जांच बैठा दी है। लेकिन इस बीच कांग्रेस व जद (एस) में राज्य की 28 लोकसभा सीटों को लेकर तनातनी चल रही है। पूर्व प्रधानमंत्री व जद (एस) नेता एच.डी.देवगौड़ा ने कुछ समय पहले कांग्रेस से लोकसभा की 10 सीटों पर अपने प्रत्याशी खड़ा करने की मंशा जाहिर की थी। लेकिन अब उनके पुत्र व मुख्यमंत्री एच.डी. कुमार स्वामी 12 सीटें मांग रहे हैं। उधर,कांग्रेस नेताओं का कहना है कि जद (एस) राज्य में 3 से अधिक सीटें जीतने की स्थिति में नहीं है। ऐसे में उसके लिए 10 सीटें छोड़ने का मतलब है थाली में परोसकर विरोधी पार्टी भाजपा को सीटें सौंपना। सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस खुद कम से कम 20 सीटों पर लड़ना चाहती है। और वह जद(एस) को अधिक से अधिक 7 सीटें देना चाहती है। यदि जद (एस) उतने पर राजी नहीं होगी, तो कांग्रेस अकेले लोकसभा चुनाव में उतर सकती है। मालूम हो कि 2014 के लोकसभा चुनाव में राज्य की 28 लोकसभा सीटों में से भाजपा 17, कांग्रेस 9 और जद(एस) 2 सीट पर जीती थी।