एमवी कवरत्ती को एंड्रोथ द्वीप से सुरक्षित कोच्चि लेकर पहुंचा आईएनएस शार्दूल

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इंजन में आग लगने के बाद बचाए गए थे 625 यात्री और चालक दल के 85 सदस्य

– लक्षद्वीप प्रशासन के अनुरोध पर नौसेना की दक्षिणी नौसेना कमान ने चलाया मिशन

नई दिल्ली, 19 दिसंबर (हि.स.)। इंजन में आग लगने के बाद लक्षद्वीप के एंड्रोथ द्वीप के पास लंगर डाले एमवी कवरत्ती को शनिवार को मरम्मत के लिए कोच्चि लाया गया। इस दौरान भारतीय नौसेना के युद्धपोत आईएनएस शार्दूल के विशेषज्ञ अधिकारी और नाविक उसके साथ चल रहे थे। एमवी कवरत्ती 30 नवंबर को लक्षद्वीप तट के समीप आग लगने से फंस गया था और उसे बाद में एड्रोथ द्वीप लेकर जाया गया था। लक्षद्वीप प्रशासन के अनुरोध पर नौसेना की दक्षिणी नौसेना कमान ने मिशन के आधार पर कार्य किया।

भारत के केन्द्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप की राजधानी कवरत्ती से एंड्रोथ जा रहे एमवी कवरत्ती के इंजन कक्ष में 30 नवंबर को कवरत्ती से करीब 16 समुद्री मील दूर आग लग गई थी। उस समय पोत पर करीब 625 यात्री और चालक दल के 85 सदस्य सवार थे। पोत में भीषण आग लगने की सूचना लक्षद्वीप डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड ने कोस्ट गार्ड मैरीटाइम रेस्क्यू कोऑर्डिनेशन सेंटर, मुंबई को दी। इस पर भारतीय तटरक्षक के जहाज समर्थ को तत्काल वहां भेजा गया। जहाज के सतर्क दल ने आग पर काबू पा लिया लेकिन एमवी कवरत्ती पोत को चालू स्थिति में नहीं पाया गया क्योंकि इंजनों को इस्तेमाल नहीं किया जा सकता था। इसके अलावा आग लगने के कारण जहाज का जनरेटर भी खराब हो चुका था।

पोत पर सवार सभी 625 यात्रियों और चालक दल के 85 सदस्यों को सुरक्षित बचाने के बाद तटरक्षक जहाज ने बचाए गए लोगों को सुरक्षित स्थिति में रखने के लिए जहाज को एंड्रोथ तक ले जाने का फैसला किया। एमवी कवरत्ती को आईसीजीएस समर्थ ने अंधेरा रहते ही अपने नियंत्रण में ले लिया और 02 दिसंबर, 2021 को सुबह एंड्रोथ लाया गया। सभी यात्रियों को उतारने के बाद मरम्मत या टोईंग सहायता के इन्तजार में एमवी कवरत्ती ने एंड्रोथ द्वीप में लंगर डाला। इसके बाद लक्षद्वीप प्रशासन ने मरम्मत के लिए जहाज को एंड्रोथ से कोच्चि तक ले जाने का अनुरोध किया। इस पर भारतीय नौसेना ने 16 दिसम्बर को आईएनएस शार्दुल एंड्रोथ के लिए रवाना किया।

आईएनएस शार्दुल 21 दिसम्बर को पहुंचा और अधिकारियों और नाविकों की विशेषज्ञ टीम ने एंड्रोथ के नेवल डिटैचमैंट के प्रभारी अधिकारी लेफ्टिनेंट कमांडर बिष्णु सी पांडा के साथ क्षति का विस्तृत आकलन किया। नौसेना के चालक दल ने जहाज का इंजन शुरू करने में एमवी कवरत्ती के चालक दल की सहायता की। इसमें सफलता न मिलने पर आईएनएस शार्दुल ने एमवी कवरत्ती को टोईंग गियर दिए और चालक दल को कोच्चि तक टोईंग करने के लिए भरोसा दिया। विभिन्न आपात स्थितियों के बावजूद आईएनएस शार्दुल ने एमवी कवरत्ती को सुरक्षित रूप से कोच्चि तक पहुंचाया। इस दौरान किसी भी मशीनरी के टूटने की स्थिति में एमवी को सहायता देने के लिए आईएनएस शार्दुल और एंड्रोथ की नौसेना टुकड़ी साथ थीं।


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