एनडीएफबी और केएलओ के शिविर पर म्यांमार सेना का कब्जा
गुवाहाटी (हि.स.)। पड़ोसी देश म्यांमार की भारत से लगने वाले जंगली इलाके में असम समेत पूर्वोत्तर के कई उग्रवादी संगठनों का कैम्प है। राज्य के प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (उल्फा) स्वाधीन (स्वा) व एनएससीएन (खापलांग) के साथ ही एनडीएफबी (संगबिजीत) व केएलओ के शिविर पर भी म्यांमार की सेना द्वारा कार्रवाई करते हुए कब्जा करने की जानकारी सामने आई है।
म्यांमार के संगाइन से सटे घने जंगलों में स्थित पूर्वोत्तर के कई उग्रवादी संगठनों के बेस कैंप पर गत 29 जनवरी से म्यांमार सेना के 400 जवानों की टुकड़ी एक विशेष अभियान चला रही है। इस अभियान के दौरान सेना द्वारा 10 उग्रवादियों को गिरफ्तार किया गया है। उसमें एक उग्रवादी की हालत काफी गंभीर बताई जा रही है।
शिविर सागायिंग नेनयून शहर के समीप स्थित बताया गया है। सूत्रों ने दावा किया है कि म्यांमार की सेना ने यह कार्रवाई भारत सरकार के दबाव के कारण की है।
उल्लेखनीय है कि एनएससीएन (खापलांग) के साथ म्यांमार सरकार का संघर्ष विराम था। एनएससीएन की आड़ में पूर्वोत्तर के अन्य संगठन म्यांमार में अपना शिविर स्थापित कर भारत विरोधी गतिविधियों को अंजाम देते रहे हैं। म्यांमार में पूर्वोत्तर के लगभग सभी संगठनों का प्रशिक्षण शिविर है। उल्फा (स्वा) एनएससीएन (खापलांग) एनडीएफबी (एस) और केएलओ के खिलाफ इस तरह का सैन्य अभियान संभवतः पहली बार चलाया गया है।
सूत्रों ने दावा किया है कि म्यांमार सरकार की इस कार्रवाई से पूर्वोत्तर के उग्रवादियों में हड़कंप मच गया है। अभियान के दौरान एके-47 रायफल, भारी मात्रा में गोला-बारूद, कपड़े, दवाइयां, विभिन्न तरह के विस्फोटक, भारी मात्रा में कारतूस समेत अन्य कई तरह की सामग्री को जब्त किया गया है। सूत्रों ने दावा किया है कि म्यांमार सेना ने उग्रवादियों के लगभग तीन प्रशिक्षण शिविरों को पूरी तरह से ध्वस्त किया है। घने जंगल में छिपे उग्रवादियों के विरुद्ध म्यांमार सेना का अभियान फिलहाल जारी है।