उप्र में हर दिन 30 लाख कोविड टीके की डोज दी जाए : मुख्यमंत्री

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-टीम-09 की बैठक करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिए निर्देश
लखनऊ, 20 जनवरी (हि.स.)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को टीम-09 के अधिकारियों के साथ बैठक करते हुए कहा कि हर दिन 30 लाख टीके की डोज दी जाए। मौजूदा समय में प्रदेश में औसतन 25 लाख टीका कवर दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में प्रदेश में अब तक कोविड टीके की 24 करोड़ से अधिक डोज लगाई जा चुकी है। साथ ही नौ करोड़ 72 लाख से अधिक सैम्पल की जांच भी हो चुकी है। यह देश के किसी एक राज्य में हुआ सर्वाधिक टेस्ट और टीकाकरण का आंकड़ा है। जिस प्रकार से स्वास्थ्यकर्मियों, फ्रंटलाइन वर्कर, निगरानी समितियों, स्थानीय प्रशासन ने कड़ी मेहनत की है, उससे कोरोना की हार तय है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में 18 वर्ष से अधिक उम्र के 96 प्रतिशत से अधिक लोगों ने टीके की पहली डोज प्राप्त कर ली है। 62 प्रतिशत से अधिक लोग कोविड टीके की दोनों डोज ले चुके हैं। विगत दिवस तक 15-17 आयु वर्ग के लगभग 48 फीसद किशोरों ने टीका कवर प्राप्त कर लिया है। 45 प्रतिशत से अधिक पात्र लोगों को प्री-कॉशन डोज भी मिल चुकी है। अब हम औसतन 25 लाख लोगों को हर दिन टीकाकवर दे रहे हैं, इस क्षमता को बढ़ाकर 30 लाख दैनिक किया जाए। टीकाकरण में धीमी गति वाले जिलों से संवाद बनाएं। यहां विशेष प्रयास किए जाने की जरूरत है।
पिछले 24 घंटों में दो लाख 47 हजार 845 कोरोना टेस्ट किए गए। इसमें 18 हजार 554 नए कोरोना पॉजिटिव पाए गए। इसी अवधि में 19 हजार 328 लोग कोरोना से मुक्त भी हुए। वर्तमान में कुल एक्टिव केस की 97 हजार 329 है। यह संक्रमण वायरल फीवर की तरह है। अतः इससे डरने की आवश्यकता नहीं है, लेकिन सभी एहतियात अवश्य बरते जाएं।
उन्होंने कहा कि आगामी सप्ताह में प्रस्तावित प्रदेशव्यापी डोर-टू-डोर स्क्रीनिंग अभियान के लिए स्वास्थ्यकर्मियों का विधिवत प्रशिक्षण कराया जाए। अपनी निगरानी समितियों के सहयोग से हमने पिछली लहर में घर-घर स्क्रीनिंग का कार्य किया। इससे कोविड नियंत्रण में सहायता मिली। इस बार भी ऐसे ही प्रयास की जरूरत है। इस कार्यक्रम में निगरानी समितियां, स्वास्थ्यकर्मी घर-घर पहुंचें। लक्षणयुक्त लोगों की पहचान करें। जरूरत के अनुसार टेस्ट कराएं। हर संदिग्ध मरीज को मेडिकल किट उपलब्ध कराएं। अपूर्ण टीकाकवर वाले लोगों की सूची तैयार करें।
सीएम हेल्पलाइन के माध्यम से अस्पताल में इलाज करा रहे कोविड पॉजिटिव लोगों के परिजनों से नियमित अंतराल पर संवाद किया जाए। होम आइसोलेशन में स्वास्थ्य लाभ ले रहे लोगों से संवाद कर उन्हें मेडिकल परामर्श, दवाएं आदि मुहैया कराई जाएं।
प्रत्येक जिले में कम से कम एक बड़ा अस्पताल डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल के रूप में आरक्षित किया जाए। अन्य अस्पताल नॉन कोविड मरीजों के लिए उपलब्ध रहें। इंटीग्रेटेड कोविड कमांड सेंटर्स (आईसीसीसी) पूर्णतः सक्रिय रहें। जिलाधिकारी, सीडीओ और सीएमओ की नियमित बैठक आईसीसीसी में ही हो। होम आइसोलेशन के मरीज, निगरानी समितियों से संवाद, एम्बुलेंस की जरूरत और टेलिकन्सल्टेशन के लिए पृथक-पृथक नम्बर जारी किए जाएं। लोगों को टेलीकन्सल्टेशन की सुविधा उपलब्ध कराई जाए।


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