उत्तर कोलकाता सीट पर भाजपा और तृणमूल में दिलचस्प मुकाबले के आसार

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कोलकाता, 22 मार्च (‍हि.स.)। एक दिन पहले ही भाजपा ने पश्चिम बंगाल की 28 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा की है। इसमें से उत्तर कोलकाता सीट बेहद खास है। यहां से पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राहुल सिन्हा को उम्मीदवार बनाया गया है। वर्ष 2014 में भी राहुल सिन्हा ने यहां से चुनाव लड़ा था। तब वह प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष थे और दूसरे नंबर पर रहे थे। तृणमूल कांग्रेस की ओर से सुदीप बनर्जी ने चुनाव लड़ा था और उन्होंने जीत हासिल की थी। माकपा की रूपा बागची तीसरे नंबर पर थीं। इस बार माकपा ने कोनिनिका घोष को उम्मीदवार बनाया है। इसके अलावा कांग्रेस ने सोमेन मित्रा को यहां से चुनाव में उतारा था और वह चौथे नंबर पर रहे थे। इस बार सोमेन प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष हैं। हालांकि इस सीट पर अभी तक कांग्रेस ने उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की है, लेकिन पार्टी की मानें तो यहां से सोमेन मित्रा ही चुनाव लड़ेंगे। ऐसे में इस बार भी यहां मुकाबला बेहद दिलचस्प होने वाला है।
दरअसल, 2014 में यहां से जीते सांसद सुदीप बनर्जी को 2016 में गिरफ्तार कर लिया गया था। चिटफंड मामले में गिरफ्तार सुदीप को ओडिशा की जेल में करीब डेढ़ महीने गुजारने पड़े थे। जीत के बाद ममता बनर्जी ने उन्हें तृणमूल संसदीय दल का नेता चुना था, लेकिन जेल जाने के बाद मजबूरन उन्हें इस पद से हटाना पड़ा। बाद में उन्हें स्वास्थ्य के आधार पर जमानत मिली थी, इसलिए कोलकाता लौटने के बाद सुदीप बनर्जी सक्रिय राजनीति से दूर हो गए थे। अब एक बार फिर उन्हें यहां से उम्मीदवार बनाया गया है। इसी के साथ वे चुनाव प्रचार में भी जुट गए हैं और कई जनसभाएं भी कर चुके हैं। इस बार भी उन्हें अपनी जीत की उम्मीद है।
भाजपा के उम्मीदवार राहुल सिन्हा भी अपनी जीत को लेकर आशान्वित हैं। उन्होंने कहा कि 2014 से अब हालात बहुत बदल चुके हैं। लोग सत्तारूढ़ तृणमूल के अत्याचार से परेशान हो गए हैं और किसी भी तरह से इस पार्टी को सत्ता से हटाना चाहते हैं। सिन्हा ने कहा कि कोलकाता शहरी क्षेत्र है और यहां बड़ी संख्या में लोग शिक्षित हैं। ऐसे में निश्चित तौर पर लोग तृणमूल के खिलाफ मतदान करेंगे और उन्हें जीत मिलेगी। खास बात यह है कि पूरे राज्य के साथ-साथ इस बार कोलकाता में भी बड़ी संख्या में लोग भाजपा के पक्ष में खड़े हैं।
माकपा की कोनिनिका घोष भी बुद्धिजीवियों की सूची में शामिल हैं। हालांकि 2009 के बाद से ही इस सीट पर तृणमूल कांग्रेस का कब्जा रहा है और माकपा को लोगों ने बहुत अधिक अहमियत नहीं दी है।
कांग्रेस के उम्मीदवार को भी अपने पक्ष में मतदान की उम्मीद है। हालांकि 2014 में मुख्यधारा की पार्टियों के अलावा आम आदमी पार्टी और बसपा के उम्मीदवारों ने भी चुनाव लड़ा था, लेकिन उनकी जमानत जब्त हो गई थी।
क्या था 2014 का आंकड़ा
वर्ष 2014 में यहां से तृणमूल उम्मीदवार सुदीप बनर्जी ने जीत दर्ज की थी। उन्हें 343687 वोट मिले थे, जो कुल मतदान का 35.94 फीसदी था। दूसरे नंबर पर भाजपा के राहुल सिन्हा रहे थे। उन्हें 247461 वोट मिले थे जो कुल मतदान का 25.88 फीसदी था। इसके अलावा माकपा की रूपा बागची को 196549 वोट मिले थे जो कुल मतदान का 13.68 फीसदी था।


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