ईरान ने यूरेनियम संवर्द्धन क्षमता बढ़ाना किया शुरू
तेहरान, 06 जून (हि.स.)। परमाणु समझौता पर मंडरा रहे खतरे के मद्देनजर ईरान ने अपनी यूरेनियम संवर्धन क्षमता को बढ़ाने की दिशा में काम करना शुरू कर दिया है। यह जानकारी बुधवार को मीडिया रिपोर्ट से मिली। समाचार एजेंसी इरना के अनुसार, ईरान की परमाणु एजेंसी के प्रमुख ने संवाददाताओं से कहा कि वे ‘नतांज़’ क्षेत्र में आधुनिक सेंट्रीफ्यूज को विकसित करने वाले ढांचे पर काम कर रहे हैं। ईरानी परमाणु एजेंसी ने अपने इस कदम की जानकारी संयुक्त राष्ट्र को भी दे दी है। उसका यह भी कहना है कि वह समझौते के नियमों के तहत ही काम करेगा। विदित हो कि अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने पिछले महीने ईरान के साथ हुए परमाणु समझौते से अमेरिका को लग कर दिया था, लेकिन यूरोपीय ताकतें इस परमाणु समझौते को बचाने की कोशिशें कर रही हैं। इस समझौते के तहत ईरान की परमाणु गतिविधियों पर रोक लगाई गई थी और इसके बदले तमाम बड़े देश ईरान पर लगे प्रतिबंध हटाने के लिए तैयार हुए थे। उधर, ईरान के परमाणु ऊर्जा संगठन के प्रमुख अली अकबर सालेही ने संवाददाताओं से कहा कि नए सेंट्रीफ्यूज बनाने की तैयारियां चल रहीं हैं। उन्होंने आगे कहा, \”अगर हम सामान्य गति से कार्य करते तो इसमें छह से सात साल लग जाते, लेकिन अब आने वाले कुछ हफ़्तों या महीनों में यह तैयार हो जाएगा।\” उल्लेखनीय है कि ईरान के साथ साल 2015 में हुए परमाणु समझौते में अमरीका के अलावा यूरोप, रूस, फ्रांस, ब्रिटेन, चीन और जर्मनी शामिल थे। इस समझौते के तहत ईरान की यूरेनियम संवर्धन सीमा 3.67 प्रतिशत तक सीमित कर दी गई थी। इसके बदले में बाकी देशों ने ईरान पर लगे गंभीर प्रतिबंधों को हटाने की बात कही थी। इसी समझौते के तहत, ईरान सेंट्रीफ्यूज के कुछ हिस्सों का निर्माण कर सकता था, लेकिन समझौते के शुरुआती दस सालों के भीतर उनका संचालन नहीं कर सकता था। अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसी बात पर असहमति जताई। उनका कहना है कि इन नियमों के तहत ईरान की परमाणु शक्ति बनने की महत्वाकांक्षाओं को नहीं रोका जा सकता है। दूसरी तरफ ईरान ज़ोर देकर कहता रहा है कि उसका परमाणु कार्यक्रम पूरी तरह शांतिपूर्ण है। ईरान में नतांज़ और फोर्डो में यूरेनियम संवर्धन किया जाता है। इसका उपयोग परमाणु हथियारों को विकसित करने के लिए किया जा सकता है।