इनकम टैक्‍स में इस बार बढ़ सकती है छूट की सीमा, सरकार बदली तो भी नहीं पड़ेगा असर

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नई दिल्‍ली, 14 जनवरी (हि.स.)। अपने कार्यकाल के अंतिम साल और चुनाव से पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली 1 फरवरी को अंतरिम बजट पेश करेंगे। चर्चा है कि मीडिल क्‍लास को राहत देने के लिए सरकार टैक्स से जुड़ी रियायतें दे सकती है। सैलरीड और पेंशनर्स के लिए टैक्स छूट की सीमा बढ़ाई जा सकती है। साथ ही टैक्स छूट पाने के लिए निवेश का दायरा भी बढ़ाया जा सकता है।

आठ लाख तक की इनकम पर टैक्स माफ हो: कांग्रेस
सामान्य वर्ग को आर्थिक आधार पर 10 फीसदी आरक्षण देने के लिए संविधान इसी हफ्ते संसद में पास हुआ। इसमें 8 लाख रुपये सालाना आय वालों को गरीब मानकर आर्थिक आधार वाले आरक्षण का पात्र माना गया है। कांग्रेस का कहना है कि अगर आठ लाख तक की आय वाले लोग गरीब हैं तो उनसे आयकर क्यों लिया जा रहा है।
चुनावी साल में कर दाताओं को राहत संभव
फाइनेंशियल एक्‍सपर्ट अमित रंजन का कहना है कि भले ही सरकार अंतरिम बजट पेश करेगी, लेकिन आम चुनाव नजदीक होने की वजह से टैक्स में छूट की सीमा बढ़ाने की घोषणा की जा सकती है। अगर सरकार बदल भी जाएगी तो टैक्स छूट की सीमा पर कोई असर नहीं पड़ेगा, क्योंकि कोई भी सरकार टैक्स छूट का दायरा घटाने का फैसला नहीं लेगी। पहले भी इस तरह की छूट औरड्यूटीज घटाने के फैसले अंतरिम बजट में लिए जा चुके हैं। बैंकिंग सेक्टर के एक्सपर्ट बताते हैं कि सरकार अंतरिम बजट में आयकर से जुड़ी घोषणाएं कर सकती है।

मौजूदा इनकम टैक्स स्लैब
सालाना इनकम————— टैक्स रेट
2.5 लाख रुपये ——————–शून्य
2.5 लाख से 5 लाख रुपये ——-5 फीसदी
5 लाख से 10 लाख रुपये ——20 फीसदी
10 लाख रुपये से ज्यादा——–30 फीसदी
उद्योगों की डिमांड 5 लाख रुपये तक की इनकम हो टैक्‍स फ्री
उद्योग संगठन सीआईआई ने भी आयकर छूट की मौजूदा सीमा 2.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये करने की मांग की है। साथ ही बचत को प्रोत्साहन देने के लिए धारा 80-सी के तहत डिडक्शन की सीमा को बढ़ाकर 2.50 लाख रुपये करने की अपील की है। अभी यह सीमा 1.5 लाख रुपये है।सीआईआई ने वित्त मंत्रालय को सौंपी बजट पूर्व सिफारिशों में कई सुझाव भी दिए हैं।
टैक्स स्लैब——-सीआईआई का सुझाव
सालाना इनकम—- टैक्स रेट
5 लाख रुपये ————शून्य
5 से 10 लाख रुपये —-10 फीसदी
10 से 20 लाख रुपये —20 फीसदी
20 लाख रुपये से ज्यादा—- 25 फीसदी
लोकसभा चुनाव की वजह से अंतरिम बजट
दरअसल परंपरा के अनुसार आम चुनाव के साल में सरकार अंतरिम बजट पेश करती है. यह बजट कुछ महीनों के सरकारी कामकाज चलाने के लिए होता है। नई सरकार बनने के बाद जो बजट पेश किया जाता है, वह बाकी बचे हुए फाइनेंशियल ईयर के लिए होता है।
आखिरी बार 2014 में पेश हुआ था अंतरिम बजट
चुनावी वर्ष—–किसने पेश किया——प्रमुख घोषणा
2014 ——–पी. चिदंबरम———कैपिटल गुड्स पर एक्साइज ड्यूटी 12 फीसदी से घटाकर 10 फीसदी की गई
2009——प्रणब मुखर्जी —–ग्रामीण रोजगार योजना के लिए 30,100 करोड़ रुपये का आवंटन
2004 —-जसवंत सिंह——– किसान क्रेडिट कार्ड, चाय और चीनी उद्योग के लिए विशेष पैकेज


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