इतिहास के पन्नों मेंः 02 जनवरी
भारतीय लोकतंत्र का अहम चेहराः भारतीय सिविल सेवा के अधिकारी सुकुमार सेन की बदौलत भारतीय नागरिक पहली बार मताधिकार का इस्तेमाल कर पाए। 2 जनवरी 1899 को बंगाल में पैदा हुए सुकुमार सेन भारत के पहले चुनाव आयुक्त थे, जिन्होंने 25 अक्टूबर 1951 से फरवरी 1952 तक पहला आम चुनाव संपन्न कराया।
गणित में गोल्ड मेडलिस्ट सुकुमार सेन कलकत्ता प्रेसिडेंसी कॉलेज और लंदन विश्वविद्यालय में पढ़ाई के बाद केवल 22 साल की उम्र में सिविल सर्विस में आ गए। तेजतर्रार अधिकारी रहे सुकुमार सेन 1947 में पश्चिम बंगाल के प्रमुख शासन सचिव बनाए गए। आगे चलकर भारतीय चुनावी व्यवस्था के लिए उनका प्रशासकीय अनुभव काफी काम आया।
सुकुमार सेन के मुख्य चुनाव आयुक्त रहते 1951 के पहले आम चुनाव में करीब 17 करोड़ मतदाताओं ने मतदान किया। 4500 सीटों के लिए चुनाव हुए जिसमें 489 लोकसभा की सीटें थीं जबकि बाकी विधानसभा की। इसके लिए देश भर में 224000 मतदान केंद्र बने और 56000 अधिकारी तैनात किये गए। साथ ही 280000 सहायक लगाए गए। 20 लाख से ज्यादा स्टील के बॉक्स बनाए गए जिनमें बैलेट पैपर के जरिये मतदान हुआ।
1957 में जब दूसरा लोकसभा चुनाव हुआ तो उस समय भी सुकुमार सेन ही मुख्य चुनाव आयुक्त थे, उन्होंने पहले चुनाव में इस्तेमाल किए गए बैलेट बॉक्स का इस्तेमाल किया। जिससे देश की 4.5 करोड़ की बचत हो सकी। सुकुमार सेन के कुशल चुनावी प्रबंधन से प्रभावित होकर उन्हें सूडान के पहले संसदीय चुनाव कराने के लिए आमंत्रित किया गया। भारतीय लोकतंत्र में सुकुमार सेन के अहम योगदान को देखते हुए पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
अन्य अहम घटनाएंः
1878ः केरल के सुप्रसिद्ध समाजसेवी मन्नत्तु पद्मनाभन का जन्म।
1905ः जाने-माने उपन्यासकार जैनेंद्र कुमार का जन्म।
1940ः भारतीय अमेरिकी गणितज्ञ एसआर श्रीनिवास वर्धन का जन्म।
1954ः भारत रत्न पुरस्कार और पद्म विभूषण पुरस्कारों की स्थापना।
1973ः जनरल मानिक शॉ को फील्ड मार्शल बनाया गया।
1991ः तिरुअनंतपुरम हवाई अड्डा को अंतरराष्ट्रीय स्तर का बनाया गया।