इतिहास के पन्नों में: 25 दिसंबर

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नव दधीचि हड्डियां गलाएं, आओ फिर से दीया जलाएंः भारतीय राजनीति के शिखर पुरुष और देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 दिसंबर 1924 को ग्वालियर में हुआ। तीन बार देश के प्रधानमंत्री रहे अटल बिहारी वाजपेयी एनडीए के पहले प्रधानमंत्री बने। पहली बार उन्होंने गैर कांग्रेसी प्रधानमंत्री के रूप में अपना कार्यकाल पूरा किया।

साल 1996 में अटल जी पहली बार प्रधानमंत्री बने लेकिन सिर्फ 13 दिनों में उनकी सरकार गिर गयी। 1998 में दोबारा प्रधानमंत्री बने तो 13 महीने तक उनकी सरकार चली। 1999 में देश की जनता ने एकबार फिर उन्हें जब मौका दिया तो इस बार उन्होंने अपना कार्यकाल पूरा किया। वे चार दशकों तक भारतीय संसद के सदस्य रहे। जिसमें दो बार राज्यसभा के सदस्य रहे।

उनके जन्म दिवस को गुड गवर्नेंस डे के रूप में मनाया जाता है क्योंकि उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान बड़े और मजबूत फैसलों से नेतृत्व की गुणवत्ता को नया अर्थ और आयाम दिया। राजनीति में मूल्य और मर्यादा का खास आग्रह रखने वाले अटल जी ने प्रधानमंत्री रहते कई ऐसे फैसले किये जिसे कई पीढ़ियों तक याद किया जाएगा।

उन्होंने भारत को परमाणु शक्ति संपन्न राष्ट्र बनाने का न केवल फैसला लिया बल्कि सफलता पूर्वक अपना लक्ष्य हासिल करने के बाद दुनिया भर के आर्थिक प्रतिबंधों का भी मजबूती से सामना किया। ऐसी स्थिति में भी अटल बिहारी वाजपेयी का नेतृत्व देश को पर्याप्त आर्थिक ताकत देने में भी सफल रहा।

पाकिस्तान से संबंध सुधारने की पहल करते हुए बस में सफर कर वे लाहौर गए। उसी तरह कारगिल में जब उसी पाकिस्तान से धोखा मिला तो अटल जी के राजनीतिक नेतृत्व ने दृढ़ता से उसका मुकाबला करते हुए उचित फैसले लिये और भारतीय सेना के बहादुर जवानों ने दुश्मनों के दांत खट्टे कर दिये।

आधारभूत ढांचे के विकास के मोर्चे पर अटल जी की अगुवाई वाली सरकार ने स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना जैसी सफल योजना का क्रियान्वयन किया।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सदस्य रहे अटल जी, भारतीय जनसंघ और भारतीय जनता पार्टी की नींव रखने वालों में शामिल थे। लंबे समय तक उन्होंने राष्ट्रधर्म, पांञ्चजन्य और वीर अर्जुन जैसी पत्र-पत्रिकाओं का संपादन किया। अपनी हाजिरजवाबी के लिए मशहूर अटल बिहारी वाजपेयी राजनेता के साथ-साथ कवि भी थे। उन्होंने अपने व्यक्तित्व से राष्ट्रीय राजनीति के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय फलक पर भी अपनी छाप छोड़ी।

1992 में अटल जी को पद्म विभूषण सम्मान मिला और 2015 में देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से उन्हें सम्मानित किया गया। 16 अगस्त 2018 को अटल जी ने दुनिया को अलविदा कह दिया- ‘मैं जी भर जिया, मैं मन से मरूं/ लौटकर आऊंगा, कूच से क्यों डरूं?’

अन्य अहम घटनाएंः

1642: महान गणितज्ञ, भौतिकी वैज्ञानिक और दार्शनिक आइजैक न्यूटन का जन्म।

1861: महान स्वतंत्रता सेनानी, समाज सुधारक और शिक्षाविद् पंडित मदनमोहन मालवीय का जन्म।

1876: मुस्लिम लीग के अध्यक्ष और ब्रिटिशकालीन भारत के नेता मोहम्मद अली जिन्ना का जन्म।

1919: प्रसिद्ध संगीतकार नौशाद का जन्म।

1923: हिंदी साहित्यकार और संपादक डॉ. धर्मवीर भारती का जन्म।

1925: सुप्रसिद्ध चित्रकार सतीश गुजराल का जन्म।

1928: भारतीय कला की प्रमुख विद्वान कपिला वात्स्यायन का जन्म।

1944: प्रसिद्ध फिल्म निर्देशक मणि कौल का जन्म।

1959: भारतीय राजनीतिज्ञ रामदास अठावले का जन्म।

1972: भारत के आखिरी गवर्नर जनरल चक्रवर्ती राजगोपालाचारी का निधन।

1977: मूक फिल्मों के युगपुरुष माने जाने वाले विश्व विख्यात कॉमेडियन व फिल्म निर्देश चार्ली चैपलिन का निधन।

1994: पूर्व राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह का निधन।

2011: नाटककार, पटकथा लेखक और फिल्म व नाट्य निर्देशक सत्यदेव दुबे का निधन।

2015: फिल्म अभिनेत्री साधना का निधन।


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