आर्थिक सर्वेक्षण: बिहार की आर्थिक व्यवस्था की वृद्धि दर राष्ट्रीय विकास दर से ज्यादा
पटना,11 फरवरी (हि.स.)। बिहार की आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार राज्य की अर्थव्यवस्था सतत विकास पथ पर अग्रसर है। राज्य की अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर एक वर्ष पूर्व के 9.9 प्रतिशत से बढ़कर वर्ष 2017-18 में 11.3 प्रतिशत हो गई जबकि दोनों ही वर्षों में राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था की विकास दर 7 प्रतिशत के आसपास रही है। मार्च,2018 तक 1,56,777 करोड़ रुपये की देनदारी के बोझ से दबे बिहार में प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद वर्ष 2017-18 में सर्वाधिक 14.6 प्रतिशत वृद्धि दर रही है।
बिहार के उप मुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री सुशील कुमार मोदी ने सोमवार को विधानमंडल के दोनों सदनों में बिहार का आर्थिक सर्वक्षण 2018-19 पेश किया । उन्होंने कहा कि बिहार का समग्र विकास हो रहा है। लोगों के जीवन में खुशहाली आने के साथ हर क्षेत्र में विकास हुआ है। आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार बिहार एक दशक से भी अधिक समय से राजस्व अधिशेष बरकरार रख रहा है। राजस्व अधिशेष 2013-14 के 6441 करोड़ रुपये से दूने भी अधिक बढ़कर 2017-18 में 14,823 करोड़ रुपये हो गया । वर्ष 2018-19 के बजट अनुमान में राजस्व अधिशेष और भी बढ़कर 21,312 करोड़ रुपये हो जाना अनुमानित है।
श्री मोदी ने बताया कि बिहार में अनाजों के उत्पादन में काफी वृद्धि हुई है। वर्ष 2013-14 के 15.72 लाख टन से बढ़कर वर्ष 2017-18 में 17.35 लाख टन हो गया। बिहार में फल और सब्जी का भी उत्पादन बढ़ने के साथ दूध,अंडा,मांस व मछली का भी उत्पाद बढ़ने की ओर अग्रसर है। मार्च 2018 में 148.12 लाख टन सब्जी,42.29 लाख टन फल,92.41 लाख टन दूध,121.85 करोड़ अंडे,3.43 लाख टन मांस,5.87 लाख टन मछली का उत्पादन हुआ है।
बिहार में सड़क निर्माण के क्षेत्र में सात वर्षों में निवेश 16.3 प्रतिशत की दर से बढ़ने के साथ लगभग पांच गुनी वृद्धि हुई है । वर्ष 2017-18 में सड़क निर्माण परियोजनाओं पर 9799 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है। सितम्बर 2018 में बिहार में 4917 किलोमीटर एनएच,4006 किलोमीटर एसएच,12357 किलोमीटर जिला पथ और 129473 किलोमीटर ग्रामीण पथ थे। वर्ष 2016-17 में बिहार का राष्ट्र्रीय और राज्य उच्च पथों के अतिरिक्त निर्माण में छठा और अन्य सड़कों के मामले में पांचवा स्थान था। बिहार प्रति 100 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल पर सड़कों की लंबाई के मामले में केरल और पश्चिम बंगाल के बाद तीसरे स्थान पर था।
आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार बिहार में वर्ष 2014 में रेलवे ने बिहार में 151 किलोमीटर नई लाइनों का निर्माण ,108 किलोमीटर ट्रैक का दोहरीकरण,163 किलोमीटर बड़ी लाईन में परिवर्तन,478 किलोमीटर रेलमार्ग का विद्युतीकरण और 15 रेल उपरिपुलों का निर्माण किया है। विमान से आने-जाने वाले यात्रियों की संख्या गत वर्ष की तुलना में 50 प्रतिशत से अधिक बढ़ी है। सिंचाई क्षमता में विस्तार के साथ संचार व ऊजा क्षेत्र में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। सामाजिक विकास को बढ़ावा देने के कामों में भी प्रगति हुई है। 8.17 लाख स्वयं सहायता समूहों का गठन,22 से अधिक ग्राम संगठन खाद्य सुरक्षा कोष का प्रबंधन,30 हजार से अधिक ग्राम संगठन स्वास्थ्य सुरक्षा कोष का संचालन हो रहा है। मनरेगा के तहत 147.5 लाख जॉब कार्ड जारी किए जाने के साथ प्रतिवर्ष रोजगार के 800 लाख व्यक्ति दिवस सृजित किये गये हैं। बिहार के बैकों में जमा राशि में 7.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।