नई दिल्ली, 29 मई (हि.स.)। राष्ट्रपति भवन में अब तक के सबसे बड़े आयोजन में आठ विदेशी राष्ट्राध्यक्षों और करीब आठ हजार गणमान्य व्यक्तियों की मौजूदगी में नरेन्द्र मोदी गुरुवार शाम सात बजे दूसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ग्रहण करेंगे।
राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में आयोजित भव्य शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने के लिए बिमस्टेक देशों के नेताओं के साथ ही किर्गिजस्तान के राष्ट्रपति सूरोनबे जीनबेकोव और मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविन्द्र जगन्नाथ को निमंत्रण भेजा गया था। विदेशी नेताओं के आने का सिलसिला बुधवार शाम को ही शुरू गया जब सबसे पहले बांग्लादेश के राष्ट्रपति मोहम्मद अब्दुल हामिल नई दिल्ली पहुंचे। मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद्र जगन्नाथ, भूटान के प्रधानमंत्री लोटे शेरिंग, थाईलैंड के विशेष दूत गीरीहसाडा बूनराच, वर्मा के राष्ट्रपति यू विंग मिंट, श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाल श्रीसेना गुरुवार को दिल्ली पहुंचेंगे।
शंघाई सहयोग संगठन(एससीओ) के मौजूदा अध्यक्ष एवं राष्ट्रपति सूरोनबे जीनबेकोव और नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली दोपहर बाद राजधानी पहुचेंगे।
राष्ट्रपति भवन में इस बार के शपथ ग्रहण समारोह में वर्ष 2014 के शपथ ग्रहण समारोह से अधिक लोग शिरकत करेंगे। उस समय दक्षिण एशिया क्षेत्रीय सहयोग संगठन (सार्क) के नेताओं के साथ पांच हजार मेहमानों ने समारोह में भाग लिया था। राष्ट्रपति के प्रेस सलाहकार अशोक मलिक के अनुसार राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद आगंतुको के लिए हाई टी(विशेष जलपान) का आयोजन करेंगे तथा विदेशी नेताओं के सम्मान में रात्रिभोज का आयोजन किया जाएगा।
लोकसभा चुनाव में पैदा हुई हताशा की छाया भी शपथ ग्रहण समारोह पर पड़ती नजर आ रही है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने पहले के फैसले को बदलते हुए समारोह में शामिल होने से इनकार कर दिया है। एक वक्तव्य में उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) के नेता राज्य में राजनीतिक हत्याएं किए जाने का बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं, जिस कारण उन्होंने शपथ ग्रहण में शामिल होने से इनकार किया है। समझा जाता है कि ममता बनर्जी समारोह में पश्चिम बंगाल में हिंसा के शिकार लोगों के परिजनों को शपथ ग्रहण समारोह में बुलाए जाने से क्षुब्ध हैं। लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने वाले राहुल गांधी का समारोह में भाग लेना अनिश्चित है। हालांकि उनकी मां और संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद समारोह में भाग लेंगे। कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने विभिन्न कारणों का हवाला देते हुए समारोह में भाग लेने में असमर्थता व्यक्त की है। पुद्दुचेरी के मुख्यमंत्री वी. नारायणस्वामी ने स्वस्थ राजनीतिक संबंधों का हवाला देते हुए समारोह में भाग लेने का इरादा जाहिर किया है। कांग्रेस को छोड़कर अन्य विपक्षी दल शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के समारोह में शामिल होने की संभावना है। ‘आप’ नेता और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव और आंध्र प्रदेश के सीएम(नामित) वाईएस जगदीश मोहन रेड्डी, पुडुचेरी के मुख्यमंत्री वी. नारायण स्वामी भी समारोह में भाग लेंगे। इसके अलावा समारोह में सीने सितारों भी हिस्सा बनेंगे। सुपरस्टार रजनीकांत और कमल हासन ने पहले ही समारोह में शामिल होने का इरादा जता दिया है।
इस बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के साथ मैराथन बैठक के बाद शपथ लेने वाले मंत्रियों की सूची को अंतिम रूप दे दिया है। ऐसे संभावित मंत्रियों के पास समारोह में भाग लेने के लिए आवश्यक संदेश भी भेजे जा रहे हैं।
स्वास्थ्य कारणों से मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किए जाने के अरुण जेटली के आग्रह के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उनके आवास पर जाकर उनसे मुलाकात की। समझा जाता है कि मोदी ने उन्हें सरकार को अपनी सेवाएं जारी रखने का आग्रह किया।
मोदी गुरुवार सुबह प्रधानमंत्री मोदी सुबह सबसे पहले राजघाट पर जाकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्रद्धांजली अर्पित करेंगे । इसके बाद वह अटल समारक पर जाएंगे और उसके बाद राष्ट्रीय युद्ध समारक पर जाकर वीर जवानों को श्रद्धासुमन अर्पित करेंगे। समारोह में हिस्सा लेने के लिए पुलवामा के शहीदों के परिजनों को भी आमंत्रित किया गया है।