आकाश’ के साथ राजपथ पर उतरेगा बेगूसराय का लाल
बेगूसराय, 25 जनवरी(हि.स.)। क्षेत्र कोई भी हो, बेगूसराय हमेशा से सभी में अग्रणी रहा है। पौराणिक काल से ही सभी क्षेत्रों में हमेशा आगे रहा बेगूसराय आजादी के बाद भी अपनी बादशाहत कायम रखे हुए है। राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर इसी धरती के सपूत थे। इसी कड़ी में एक और नाम जुड़ गया है बेगूसराय शहर मुख्यालय के रतनपुर निवासी आर्यन गौतम का। देश के 70 वें गणतंत्र दिवस समारोह पर जब पूरा देश तिरंगा को नमन कर रहा होगा। उस समय बेगूसराय का यह लाल ‘आकाश मिसाइल’ लेकर राजपथ पर उतरेगा और महामहिम राष्ट्रपति को सलामी देगा। कैप्टन आर्यन गौतम के इस कारनामे को सेना की प्रमुख पत्रिका इंडिया स्ट्राटेजिक ने भी कवर पेज पर जगह दिया है। आर्यन 26 जनवरी को 10:15 बजे ‘आकाश मिसाइल’ के साथ राजपथ पर राष्ट्रपति के समक्ष शौर्य का प्रदर्शन करेंगे। शिक्षक दंपति एन के गौतम एवं शर्मिला गौतम के पुत्र आर्यन गौतम ने दसवीं एवं बारहवीं की पढ़ाई डीपीएस पटना से किया। इसके बाद संघ लोक सेवा आयोग द्वारा चयनित होकर नेशनल डिफेंस एकेडमी पुणे से स्नातक किया। स्नातक करने के बाद इंडियन मिलिट्री स्कूल देहरादून से प्रशिक्षित होकर दस नवम्बर 2016 को भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट के पद पर कमीशंड हुए। इसके बाद दस दिसम्बर 2018 से कैप्टन के पद पर पदोन्नत होकर राजस्थान में सेना के आकाश मिसाइल यूनिट में तैनात हैं। 70 वें गणतंत्र दिवस की तैयारी शुरू हुई तो सभी को पछाड़ते हुए स्वदेश निर्मित मिसाइल आकाश के लांचर व्हीकल का नेतृत्व करने के लिए आर्यन का चयन कर लिया गया। इसकी जानकारी मिलते ही बेगूसराय एवं आसपास के जिलों में खुशी की लहर फैल गई है। आर्यन जब स्वदेशी तकनीक से निर्मित मिसाइल आकाश के साथ गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रपति को सलामी देंगे, तो उस पल को अपनी आंखों से देखने के लिए बेगूसराय के लोगों ने भी विशेष व्यवस्था की है। चाचा संजय गौतम ने बताया कि आर्यन बचपन से ही प्रतिभाशाली था। देश सेवा का जज्बा उसमें कूट-कूट कर भरा है। इसका प्रतिफल है कि राष्ट्रीय पर्व के पावन बेला पर वह अपने शौर्य का प्रदर्शन भारत के सबसे बड़े समारोह में करेगा, जिसमें देश ही नहीं विदेशों के भी मेहमान बेगूसराय के इस लाल से रूबरू होंगे। इस संबंध में आर्यन ने दूरभाष पर बताया कि इंडियन मैगजीन के कवर पेज पर आना मेरे लिए एक बड़े सपने का सच होना है। देखने में यह परेड भले ही आसान लगता है। लेकिन सेकंड टू सेकंड समय के हिसाब से दो महीने से इसकी तैयारी चल रही थी। मिसाइल से संबंधित जानकारी के लिए अलग कोर्स करने तथा इसके पुख्ता जानकारी से ही यह मौका मिला है। उन्होंने अपने इस उपलब्धि का श्रेय अपने पिता को दिया है। बता दें कि आर्यन को जिस इंडिया स्ट्राटेजिक मैगजीन के प्रथम पृष्ठ पर जगह मिली है। वह भारत के रक्षा, सामरिक, विदेशी एवं परमाणु मामले की आधिकारिक मासिक पत्रिका है, जिसमें सेना, नौसेना, वायु सेना, तटरक्षक, अर्धसैनिक, खुफिया, होमलैंड, नागरिक उड्डयन परमाणु एवं अंतरराष्ट्रीय मामलों की खबर को प्रमुखता के साथ प्रकाशित किया जाता है। फिलहाल बेगूसराय के इस लाल के कारनामा से रतनपुर, बेगूसराय ही नहीं आसपास के जिलों में भी उत्सव का माहौल है।