अलकेमिस्ट चिटफंड के मालिक तृणमूल सांसद केडी सिंह की 238 करोड़ की संपत्ति कुर्क
कोलकाता, 28 जनवरी (हि.स.)। अल्केमिस्ट ग्रुप ऑफ़ कंपनीज नाम की चिटफंड कंपनी खोलकर पश्चिम बंगाल और सीमावर्ती राज्यों में करीब 1900 करोड़ रुपये मार्केट से उठाकर गबन करने वाले तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सांसद केडी सिंह की 238 करोड़ रुपये की संपत्ति प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कुर्क की है। एजेंसी सूत्रों के हवाले से सोमवार को इसकी पुष्टि की गई है।
बताया गया है कि तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सांसद केडी सिंह के खिलाफ यह सबसे बड़ी कार्रवाई है। ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत केडी सिंह की कंपनियों की 238 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की है। इसमें कोलकाता के कई बैंकों में मौजूद उनके खाते भी शामिल हैं। जांच एजेंसी सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक ईडी ने जिफरी में उनके रिसोर्ट, चंडीगढ में शोरूम समेत पंचकूला, पंजाब और हरियाणा में उनकी संपत्तियों को जब्त किया है।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एचडीएफसी और पीएनबी बैंक के केडी सिंह के खाते भी फ्रीज किए हैं। ईडी की यह अलकेमिस्ट ग्रुप आफ कंपनीज के खिलाफ बड़ी कार्रवाई है। आरोप है कि इस ग्रुप ने निवेशको से विभिन्न पोंजी स्कीमो के जरिए 1,900 करोड़ रुपये वसूले थे। बिहार, पश्चिम बंगाल और अन्य सीमावर्ती राज्यों में अधिक रिटर्न देने का आश्वासन देकर इन लोगों ने हजारों लोगों से ये रुपये वसूले थे जिसे बाद में गबन कर गए हैं।
जांच में पता चला है कि इन लोगों ने कहीं जमीन के नाम पर तो कहीं अधिक रिटर्न के नाम पर रुपये वसूले थे और उन रुपयों को दूसरी कंपनियों में ट्रांसफर कर दिया गया था जिससे अलग-अलग कंपनी के नाम पर जमीनें खरीदी गईं। सेबी की रिपोर्ट के आधार पर ईडी ने मनी लांड्रिग का मुकदमा दर्ज किया था।
खास बात यह है कि केडी सिंह भारतीय हॉकी महासंघ और हॉकी एसोसिएशन ऑफ हरियाणा के अध्यक्ष भी हैं। उनका राजनीतिक कॅरियर कई बार विवादों में रहा है। यह भी आरोप रहा है कि केडी सिंह ने ही अपनी अल्केमिस्ट कंपनी के रुपयों की मदद से सत्तारूढ़ तृणमूल के खिलाफ नारद स्टिंग ऑपरेशन को अंजाम दिलवाया था ताकि वीडियो फुटेज के आधार पर तृणमूल को अपने काबू में रख सकें। इसका खुलासा होने के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा था कि केडी को राज्यसभा का सांसद बनाना उनकी सबसे बड़ी भूल थी। जब से इस बात का पता चला कि तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ बड़ी धनराशि निवेश कर नारद स्टिंग ऑपरेशन को केडी सिंह ने अंजाम दिलवाया था उसके बाद कोलकाता पुलिस ने भी उनके खिलाफ अलग-अलग थाने में पांच से अधिक मामले दर्ज कर कानूनी जांच शुरू की थी, लेकिन किसी भी मामले में अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।