अमेरिका और दक्षिण कोरिया के बीच प्रस्तावित शिखर वार्ता पर राजनेताओं को आशंका

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वाशिंगटन, 12 मार्च (हि.स.)। अमेरिका और दक्षिण कोरिया बीच प्रस्तावित शिखर वार्ता को लेकर अमेरिका की दोनों बड़ी राजनीतिक पार्टियों-रिपब्लिकन तथा डेमोक्रेट नेताओं ने आशंकाएं जताई हैं। इसे देश की सुरक्षा के लिए ख़तरा बताया है।वहीं ट्रम्प प्रशासन की ओर से बार-बार सफ़ाई दी जा रही है कि व्हाइट हाउस ने उत्तरी कोरिया को इस बातचीत के लिए किसी भी तरह की छूट नहीं दी है। डेमोक्रेट हिलरी क्लिंटन ने इस वार्ता को लेकर तीव्र प्रतिक्रिया व्यक्त की थी। एरिज़ोना के रिपब्लिकन नेता सिनेटर जेफ़ फ़्लेक ने कहा है कि शिखर वार्ता से पहले कूटनीति सत्र पर चर्चा होनी चाहिए थी। ट्रेज़री सचिव स्टीवन मनुचिन ने कहा है कि वार्ता होती है तो राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की मांग होगी कि उत्तरी कोरिया अपने आणविक हथियारों को नष्ट करे। अमेरिकी ख़ुफ़िया एजेंसी सीआईए के निदेशक माइक पोंपियो ने इस शिखर वार्ता के संदर्भ में रविवार को कहा कि पहली बात तो यह है कि उत्तरी कोरिया ने ख़ुद-ब-ख़ुद वादे किए हैं, जिन पर उसे अडिग रहना होगा। दूसरे, व्हाइट हाउस की ओर से भी कुछ शर्तें हैं। उत्तरी कोरिया प्रशासन को यह गारंटी देनी होगी क़ि वह वार्ता के ख़त्म होने तक किसी भी तरह मिसाइल का परीक्षण नहीं करेगा। दूसरे, मार्च के अंत में दक्षिण कोरिया और अमेरिका के बीच संयुक्त रूप से होने वाले सैनिक अभ्यास पर किसी तरह की आपत्ति नहीं करेगा। सीआईए निदेशक ने कहा है कि उत्तरी कोरियाई प्रशासन ने शिखर वार्ता के लिए बदले में इस तरह के वादे कभी नहीं किए और यह वास्तव में बड़ी सफलता है। उधर व्हाइट हाउस में एक प्रवक्ता राज शाह ने कहा है कि यह शिखर वार्ता नहीं हो पाती है तो इसका दोष उत्तरी कोरिया पर होगा।

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