अफ्रीका यात्रा के पहले मॉरिशस में रुकीं सुषमा स्वराज, किए कई अहम काम

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नई दिल्ली/मॉरिशस, 03 जून (हि.स.)। ब्रिक्स और आईबीएसए की अहम बैठकों में हिस्सा लेने के लिए अफ्रीका यात्रा पर निकली विदेश मंत्री सुषमा स्वराज मॉरिशस रुकी और कई अहम काम निपटाए। यहां उन्होंने मॉरिशस के प्रधानमंत्री से मुलाकात की। मॉरिशस में होने वाले विश्व हिन्दी सम्मेलन-2018 की तैयारियों का भी जायजा लिया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि विदेश मंत्री अपनी अफ्रीका यात्रा के रास्ते में मॉरिशस रुकी, जहां उनकी अगवानी मॉरिशस के विदेश मंत्री सीतानॉह लुचमीनाराईडू ने की। दोनों नेताओं ने भारत-मॉरिशस के विदेशी मामलों को लेकर विस्तार से चर्चा की। इसके बाद सुषमा स्वराज की मुलाकात मॉरिशस के प्रधानमंत्री प्रविंद कुमार जुगनाथ से हुई। दोनों नेताओं के बीच चर्चा का विषय भारत-मॉरिशस द्विपक्षीय संबंधों को बेहतर करने के प्रयासों को लेकर रहा। सुषमा ने कहा कि उनकी ये मुलाकात अपने समुद्री पड़ोसियों से बेहतर जुड़ाव का एक प्रयास है। विदेश मंत्री इसके बाद मॉरिशस में अगस्त में होने वाले ‘विश्व हिन्दी सम्मेलन-2018’ की तैयारियों का जायजा लेने स्वामी विवेकानंद इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर गई। जहां पर अगस्त में विश्व हिन्दी सम्मेलन होने जा रहा है। स्वराज ने मॉरिशस की शिक्षा मंत्री लीला देवी डुकून के साथ विश्व सम्मेलन की तैयारियों के बारे में जानकारी ली और अपने सुझाव दिए। मॉरिशस में इन अहम् बैठकों के बाद विदेश मंत्री रविवार दोपहर ही अफ्रीका के लिए रवाना हो गईं। ब्रिक्स देशों की मंत्री-स्तरीय बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज दक्षिण अफ्रीका की पांच दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर हैं। ब्रिक्स देशों ( ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका) के समूह की विदेश मंत्री स्तर की अहम बैठक दक्षिण अफ्रीका में हो रही है। उसमें भारत का प्रतिनिधित्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज कर रही हैं। इसी दौरान वह आईबीएसए (इंडिया, ब्राजील, साउथ अफ्रीका) त्रि-देशीय समूह की बैठक में भी हिस्सा लेंगी। इसमें इन तीन देशों के विदेश मंत्री मिल रहे हैं। सुषमा इस बैठक की अध्यक्षता करेंगी। इसके अलावा सुषमा स्वराज दक्षिण अफ्रीका के पीटरमारिच्ज़बर्ग में महात्मा गांधी पर होने वाले एक विशेष कार्यक्रम में भी हिस्सा लेंगी। ये कार्यक्रम महात्मा गांधी को इसी शहर के रेलवे स्टेशन पर 125 साल पहले ट्रेन के प्रथम श्रेणी के डिब्बे से बाहर निकालकर स्टेशन पर फेंकने की घटना से जुड़ा है। उसी घटना के बाद से युवा गांधी ने दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद के खिलाफ आंदोलन छेड़ा था।


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