अपडेट) झारखंड में केंद्र सरकार की ड्रोन सर्वे योजना पर लगी रोक
रांची, 11 मार्च (हि.स.)। झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के दसवें दिन शुक्रवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने स्वामित्व योजना के तहत खूंटी जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में चल रहे संपत्ति और भूमि के डिजिटल सर्वे पर रोक लगाने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने भाकपा-माले के विनोद कुमार सिंह के एक प्रश्न के उत्तर में बताया कि भारत सरकार की ओर से वर्ष 2020 में स्वामित्व योजना की लागू की गयी। पायलट प्रोजेक्ट के तहत राज्य के खूंटी जिले का चयन किया गया, कई जिलों में डिजिटल सर्वे का काम पूरा भी हो गया, लेकिन कुछ प्रखंडों के ग्रामीणों ने ड्रोन आधारित डिजिटल सर्वे को लेकर कई तरह की आशंका जाहिर की है और वहां इस योजना को लेकर कुछ नाराजगी है, इसलिए फिलहाल इसे तत्काल होल्ड करने का निर्णय लिया गया है और समीक्षा के उपरांत सरकार आगे का फैसला लेगी।
इससे पहले भूमि एवं राजस्व निबंधन विभाग की ओर से लिखित उत्तर में बताया कि स्वामित्व योजना की शुरूआत खूंटी जिला में एक नवंबर 2021 को पायलट प्रोजेक्ट के तहत की गयी थी। इस योजना के तहत चूना मार्किंग करते हुए ड्रोन द्वारा ग्रामीण आबादी वाले क्षेत्रों का भू सर्वेक्षण कर उनके राजस्व कागजात की जांच अंचल में उपलब्ध अभिलेख से कर रैयतों को अभिधारी खाता पुस्तिका उपलब्ध कराना है।
इस योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीणों के ऋण और अन्य वित्तीय लाभ प्राप्त करने के लिए अपनी संपत्ति को एक वित्तीय परिसंपत्ति के रूप में प्रयोग करने में सक्षम बनाते हुए उन्हें वित्तीय स्थिरता प्रदान करना और ग्रामीण नियोजन के लिए सटीक भूमि अभिलेखों का निर्माण करना है। सर्वेक्षण की अवसंरचना तथा जीआईएस नक्शों का उपयोग किसी भी विभाग द्वारा अपने उपयोग के लिए किया जा सकता है। जीआईएस मानचित्रों का उपयोग करते हुए बेहतर गुणवत्ता वाली ग्राम पंचायत विकास योजना, जीपीडीपी तैयार करने में सहयोग देना और संपत्ति संबंधी विवादों तथा कानूनी मामलों को कम करना है।
विभाग द्वारा यह भी कहा गया है कि खूंटी जिला अंतर्गत स्वामित्व योजना का कार्य ड्रोन सर्वे के सभी गांवों में प्रचार-प्रसार के साथ ग्रामसभा हिन्दी और क्षेत्रीय भाषा में अवगत कराया जा रहा है। साथ ही आम ग्रामीणों को इस योजना से संबंधित शंकाओं का भी समाधान किया जा रहा हैं।