अनिल अंबानी को मिल सकते हैं एरिक्सन को दिए 550 करोड़ वापस, ये है इसकी बड़ी वजह
नई दिल्ली, 09 अप्रैल (हि.स.)। आरकॉम को दिवालिया घोषित किया जाए या नहीं, इस पर फैसला एनसीएलटी करेगा। दरअसल कर्ज के बोझ तले दबी रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम) को दिवाला प्रक्रिया के तहत लाया जाए या नहीं, इस बारे में राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) फैसला करेगा।
आरकॉम ने न्यायाधिकरण से इस मामले में दिवाला प्रक्रिया को आगे बढ़ाने का आग्रह किया हैब है कि कंपनी अपने कर्जदाताओं को उनका बकाया लौटाने में अभी तक असफल रही है। हालांकि, आरकॉम की इस याचिका का एरिक्सन ने विरोध किया है।
आरकॉम की याचिका का एरिक्सन कर रही विरोध
आरकॉम के एनसीएलटी में दायर की गई इस याचिका का स्वीडन की गीयर निर्माता कंपनी एरिक्सन कंपनी विरोध कर रही है। गौरतलब है कि आरकॉम ने एरिक्सन का 550 करोड़ रुपये का बकाया पिछले महीने चुका दिया है। दरअसल में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद कंपनी ने यह बकाया चुकाया। आरकॉम का शेयर 4.6 फीसदी गिरकर 3.05 रुपये पर कारोबार कर रहा है।
एरिक्सन को लौटाने पड़ सकते हैं 550 करोड़ रुपये
एनसीएलएटी के चेयरमैन एसजे मुखोपाध्याय की अध्यक्षता वाली दो सदस्यीय पीठ का मानना है कि यदि आरकॉम के खिलाफ दिवाला प्रक्रिया की अनुमति दी जाती है तो एरिक्सन को 550 करोड़ रुपये लौटाने पड़ सकते हैं।
ट्रिब्यूनल सभी संभावना पर विचार कर देगा फैसला
एनसीएलएटी ने कहा कि क्यों एक पक्ष पूरी रकम लेकर जाए, जबकि वित्तीय कर्जदाताओं को नुकसान उठाना पड़े। एनसीएलएटी ने कहा या तो वह आरकॉम की दिवालिया याचिका को खारिज करेगी, या फिर इसकी मंजूरी देगी। ट्रिब्यूनल ने कहा कि वह स्पेक्ट्रम शुल्क को लेकर दूरसंचार विभाग की तरफ से कंपनी को जारी कारण बताओ नोटिस पर भी आए जवाब पर भी विचार करेगा।
एनसीएलएटी जवाब पर 30 अप्रैल को विचार
एनसीएलएटी ने कहा कि डीओटी के जवाब पर 30 अप्रैल को विचार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हमें यह साफ होना चाहिए कि कर्जदार कंपनी की क्या संपत्ति है? क्या उनका संपत्ति पर कोई हक है। क्या आप लाइसेंस वापस ले सकते हैं? अगर हां, तो फिर कंपनी की कीमत क्या रह जाएगी।