अंतागढ़ टेपकांड : पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी और बेटे अमित समेत पांच लोगों पर एफआईआर

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रायपुर  (हि.स.) । अंतागढ़ टेपकांड प्रकरण में पूर्व मुख्यमंत्री अजित जोगी और उनके बेटे अमित जोगी समेत पांच लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। कांग्रेस की प्रदेश प्रवक्ता किरणमयी नायक की तहरीर पर शहर के पंडरी पुलिस स्टेशन में रविवार रात 01.30 बजे यह मामला दर्ज किया गया है।
पांच आरोपितों में अजीत जोगी एवं अमित के अलावा पूर्व मंत्री राजेश मूणत, पूर्व विधायक मंतूराम पवार और डॉ. पुनीत गुप्ता शामिल हैं। अंतागढ़ टेपकांड में अब तक की यह सबसे बड़ी कार्रवाई है। पिछले दो दिन बिहार एवं दिल्ली के दौरे पर रहे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के राजधानी रायपुर पहुंचने से पहले ही यह कार्रवाई की गई है। एफआईआर के मुताबिक, पांच आरोपितों के खिलाफ आईपीसी की धारा 406, 420 71-ई, 171-एफ, 120-बी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 9 एवं 13 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
उल्लेखनीय है कि बघेल सरकार के निर्देश पर शनिवार को टेपकांड की जांच के लिए गठित एसआईटी की कमान रायपुर के प्रभारी आईजी डॉ. आनंद छाबड़ा से लेकर आईजी जीपी सिंह को सौंपी गई थी। एसआईटी ने मंतूराम से पूछताछ की थी। उसी के बाद से इस मामले में कार्रवाई की चर्चा तेज हो गई थी।
उल्लेखनीय है कि अंतागढ़ विधानसभा सीट रिक्त होने के बाद 12 सितम्बर 2014 को वहां उपचुनाव हुआ। चुनाव में भाजपा और कांग्रेस के अलावा 13 उम्मीदवार मैदान में थे। नाम वापसी की समय-सीमा खत्म होने के बाद कांग्रेस उम्मीदवार मंतूराम पवार ने चुनाव न लड़ने की घोषणा कर दी। पवार ने यह घोषणा ऐसे समय की थी जब कांग्रेस दूसरा उम्मीदवार भी खड़ा नहीं कर सकती थी। उपचुनाव के एक साल बाद दिसम्बर 2015 में मीडिया में अंतागढ़ चुनाव में हुई खरीद-फरोख्त का खुलासा करने वाला टेप सामने आया था। इसमें पूर्व मुख्यमंत्री अजित जोगी, उनके बेटे अमित और सरकार से जुड़े लोगों की बातचीत के अंश होने का दावा किया गया था। टेप में कांग्रेस उम्मीदवार मंतूराम को चुनाव में बिठाने के लिए सात करोड़ रुपये के लेनदेन की बात थी। अजीत जोगी उस वक्त कांग्रेस में थे। टेपकांड के बाद कांग्रेस ने अमित को पार्टी से निकाल दिया। अजीत जोगी ने राज्य में नई राजनीति पार्टी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ का गठन किया। वर्ष 2015 में मंतूराम कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हो गए।

मंतूराम ने किरणमयी पर केस दर्ज कराने थाने में दी तहरीर
मंतूराम ने सोमवार दोपहर बाद कांकेर जिले के पखांजूर थाने में किरणमयी के खिलाफ एससी-एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज कराने का आवेदन दिया है। मंतूराम ने पत्रकार वार्ता में कहा कि उनके खिलाफ लगाए गए सभी आरोप निराधार हैं। टेपकांड में पांच लोगों पर दर्ज एफआईआर पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार को एसआईटी पर भरोसा नहीं है। उन्होंने कहा कि अभी तक मामले में मात्र दो लोगों के ही बयान लिए गए हैं। इस मामले में तत्काल एफआईआर दर्ज करने की क्या जरूरत थी। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार किरणमयी के कंधे पर बंदूक रखकर निशाना लगा रही है। लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस जानबूझकर झूठे मामलों में कार्रवाई कर रही है।
उन्होंने किरणमयी से पूछा कि यह 2014 का प्रकरण है। चार साल से आपने पार्टी को क्यों नहीं बताया? आप एक वकील हैं और आपको लगता है कि आपके किसी साथी ने ऐसा किया है तो आपने कोर्ट में सबूत क्यों नहीं पेश किया? उन्होंने बताया कि 2016 में चुनाव आयोग को भी जानकारी भेजी गई थी। हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में भी मामला गया, लेकिन किसी के पास मामले में सबूत नहीं था।
पवार ने कहा, एसआईटी जब गठित की गई और मुझे 29 तारीख को बुलाने के लिए पत्र मिला तो मैं तुरंत जांच समिति के पास गया। लेकिन, अभी जैसी कार्रवाई की जा रही है लगता है कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार को अपनी एसआईटी पर भरोसा ही नहीं है। उधर, किरणमयी ने कहा कि उन्होंने दो साल पहले शिकायत दर्ज करवायी थी, लेकिन तत्कालीन भाजपा सरकार ने मामले को आगे नहीं बढ़ने दिया और मामले में एफआईआर दर्ज नहीं हो सकी। 


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