जेड प्लस सुरक्षा पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई को

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नई दिल्ली, 22 जनवरी (हि.स.)। अयोध्या के विवादित ढांचा विध्वंस मामले में फैसला सुनाने वाले सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश एवं राज्यसभा सदस्य रंजन गोगोई को केंद्र सरकार ने जेड प्लस सुरक्षा मुहैया कराई है। गोगोई की सुरक्षा का जिम्मा केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) को सौंपा गया है। सीआरपीएफ गोगोई को देशभर में कहीं भी आने-जाने पर जेड प्लस सुरक्षा प्रदान करेगी।

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने शुक्रवार को गोगोई की सुरक्षा बढ़ाने का फैसला किया। खुफिया विभाग की रिपोर्ट के बाद गोगोई को जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा देने का निर्णय किया गया। मंत्रालय ने पूर्व मुख्य न्यायाधीश की जेड प्लस सुरक्षा की जिम्मेदारी सीआरपीएफ को सौंपी है।

गोगोई ने बतौर मुख्य न्यायाधीश लंबे समय से चले आ रहे अयोध्या विवाद पर 9 नवंबर, 2019 को फैसला सुनाया था, जिसके तहत विवादित स्थल पर राम मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त हुआ। मुस्लिम पक्ष को अयोध्या के समीप ही मस्जिद के लिए जमीन मुहैया कराई गई। समझा जाता है कि इस फैसले के बाद खुफिया एजेंसियों को गोगोई की सुरक्षा बढ़ाने की आवश्यकता महसूस हुई। एजेंसियों की रिपोर्ट के बाद मंत्रालय ने पूर्व मुख्य न्यायाधीश को जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा को हरी झंडी दे दी।

कैसी होती है जेड प्लस सुरक्षा

स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (एसपीजी) के बाद से जेड प्लस सुरक्षा देश की दूसरी बड़ी सुरक्षा है। एसपीजी की सुरक्षा प्रधानमंत्री को मुहैया कराई जाती है। जबकि, पूर्व प्रधानमंत्रियों और उनके परिवारों की सुरक्षा (पद त्याग के बाद एक वर्ष तक) भी एसपीजी करती है। वहीं कुछ विशेष मंत्रियों एवं खास शख्सियतों को जेड प्लस सुरक्षा प्रदान की जाती है। इसमें 36 सुरक्षाकर्मी होते हैं, जिसमें से 10 राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) और एसपीजी कमांडो होते हैं। इसके साथ ही पुलिस के भी जवान शामिल होते हैं। इसमें भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) और सीआरपीएफ के जवान भी सुरक्षा में तैनात होते हैं। इस सुरक्षा चक्र में पहले घेरे की ज़िम्मेदारी एनएसजी की होती है जबकि दूसरा घेरा एसपीजी कमांडो का होता है। साथ ही जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा में एस्कॉर्ट्स और पायलट वाहन भी दिए जाते हैं।

 


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