कोलकाता, 12 फरवरी (हि.स.)। न्यायालयों में सुनवाई की पूरी प्रक्रिया लाइव प्रसारण के सुप्रीम कोर्ट के निर्देश होने के बावजूद आज तक ऐसा हो नहीं रहा था। अब कलकत्ता हाई कोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसला दिया है। एक पारसी महिला के बच्चों को धार्मिक स्थल में प्रवेश नहीं करने देने के मामले की सुनवाई को यूट्यूब पर सीधा प्रसारण की अनुमति दी गई है। बुधवार को न्यायमूर्ति संजीव बनर्जी और कौशिक चंद्र की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई हुई।
कोर्ट ने निर्देश दिया है कि इस मामले का सीधा प्रसारण यूट्यूब पर किया जाएगा ताकि पूरी दुनिया के लोग इसकी सुनवाई देख सकें। यह मामला बेहद खास है। कुछ सालों पहले एक पारसी महिला ने दूसरे धर्म के पुरूष से शादी की थी। दोनों के बच्चे भी हैं लेकिन पारसी धार्मिक स्थल में उन्हें प्रवेश नहीं करने दिया जा रहा है। इसी निषेधाज्ञा के खिलाफ दंपत्ति ने कलकत्ता हाई कोर्ट में याचिका लगाई थी। पहले एकल पीठ ने इनकी याचिका को खारिज कर दी थी लेकिन पारसी महिला ने खंडपीठ में मामले की सुनवाई के लिए अपील की। इसके साथ ही सुनवाई का सीधा प्रसारण यूट्यूब पर भी कराने की मांग की ताकि पूरी दुनिया में कहीं भी अगर इस तरह की निषेधाज्ञा हो तो उस पर सबक ली जा सके।
इस पर बुधवार को सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति संजीव बनर्जी और कौशिक चंद्र की खंडपीठ ने यूट्यूब पर प्रसारण की अनुमति दे दी है। हालांकि लाइव टेलीकास्ट में होने वाला खर्च आवेदनकारी को उठाना पड़ेगा। कानूनी जानकारों का मानना है कि पूरे देश में यह पहला ऐसा मामला होगा जिसका यूट्यूब पर सीधा प्रसारण होगा। दो साल पहले ही सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की लाइव टेलीकास्ट को हरी झंडी दे दी थी।