उत्तर प्रदेश के उद्यमियों ने योगी सरकार के स्किल मैपिंग डाटा बैंक से मांगे 05 लाख श्रमिक

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लखनऊ, 27 मई (हि.स.)। देश के विभिन्न हिस्सों से प्रदेश लौट रहे प्रवासी कामगारों की स्किल मैपिंग कर डाटा बैंक बनाने में जुटी योगी सरकार को उद्यमियों का साथ मिला है। प्रदेश सरकार के मुताबिक कई औद्योगिक समूह और उद्यमी प्रवासी कामगारों को रोजगार प्रदान करने के लिए आगे आये हैं। उद्यमियों ने प्रदेश सरकार के इस स्किल मैपिंग डाटा बैंक से करीब पांच लाख श्रमिकों और कामगार मांगे हैं। सरकार इस पहली मांग से उत्साहित है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वरिष्ठ अफसरों के साथ बैठक में श्रमिकों और कामगारों के लिए रोजगार का खाका तैयार करने के निर्देश दिये हैं। मुख्यमंत्री प्रवासी कामगारों को रोजगार-नौकरी प्रदान करने वाले उद्योगों को हर तरह की मदद देने में भी जुटे हैं। उन्होंने अधिकारियों को सीधा निर्देश दिया है कि औद्योगिक संस्थानों में तेजी से काम शुरू कराएं। सप्लाई चेन क्लियर कराने और बाकी सरकारी सहूलियतों में उद्यमियों को पूरा सहयोग दिया जाए। उद्योगों को चलाने में मदद देने के साथ ही सरकार हर छोटी और बड़ी सभी उद्यम इकाई से मैन पावर की डिमांड की जानकारी मांग रही है, जिससे उनकी मांग के मुताबिक कामगार दिये जा सकें।
उत्तर प्रदेश पहला राज्य है जो अपने कामगारों, श्रमिकों की स्किल मैपिंग करा रहा है और जहां इनके बेहतर भविष्य लिए उत्तर प्रदेश में श्रमिकों के लिए आयोग का गठन किया जा रहा है। औद्योगिक इकाइयों में श्रमिकों व कामगारों के लिए अप्रेंटिस और ट्रेनिंग का भी इंतजाम करने की कवायद की जा रही है। अप्रेंटिस के दौरान सरकार और औद्योगिक समूहों से अप्रेंटिस भत्ता दिलाने का भी निर्णय किया गया है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर श्रमिकों, कामगारों और युवाओं के उद्योगों में सेवायोजन की प्रक्रिया शुरू की गई है, जिससे बड़ी संख्या में लोगों को राज्य में रोजगार मिल सकेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राज्य सरकार कामगारों, श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए कृतसंकल्पित है। इसके लिए कामगारों, श्रमिकों की स्किल मैपिंग का कार्य प्रगति पर है। उन्होंने 15 दिनों में यह कार्य पूरा करते हुए सभी का डाटा संकलित करने के निर्देश दिये हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्किल मैपिंग के आधार पर प्रवासी कामगारों को रोजगार, नौकरी के अवसर उपलब्ध कराए जाएंगे और इसी उपलब्धता के आधार पर वे अपनी इच्छानुसार कोई भी रोजगार व कार्यस्थल चुन सकेंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा कामगारों, श्रमिकों का डाटा एकत्र करने का उद्देश्य अपने नागरिकों की दक्षता का पूरा विवरण रखना है। यह पहली बार है कि जब कोई राज्य ऐसा विवरण तैयार कर रहा है, इसका लाभ उन सबके साथ रोजगार देने वाली संस्थाओं को भी मिलेगा व आवश्यकतानुसार कोई भी संस्थान इसका उपयोग कर सकेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार अपने हर कामगार व श्रमिक को सोशल सिक्योरिटी, सुरक्षा और बीमा की गारंटी देगी। कामगारों, श्रमिकों का शोषण एवं उत्पीड़न हर हाल में रुके, इसके लिए उत्तर प्रदेश सरकार पूरी तरह संकल्पित होकर कार्य कर रही है और आगे भी करती रहेगी।

 


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