चुनाव ड्यूटी में तीन शिक्षकों की मौत:योगी सरकार
लखनऊ, 19 मई (हि.स.)। उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के दौरान हुई मौतों को लेकर चल रहा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। विपक्ष शिक्षकों की मौत को लेकर लगातार योगी सरकार पर हमलावर है।
एक तरफ योगी सरकार का कहना है कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के दौरान पूरे प्रदेश में केवल तीन शिक्षकों की मौत हुई है। वहीं, दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव व कांग्रेस महासचिव व उप्र प्रभारी प्रियंका वाड्रा ने शिक्षकों की मौत को लेकर सरकार को झूठा करार दिया है।
बुधवार को अखिलेश ने कहा कि उप्र की निष्ठुर भाजपा सरकार मुआवजा देने से बचने के लिए अब ये झूठ बोल रही है कि चुनावी ड्यूटी में केवल तीन शिक्षकों की मौत हुई है। जबकि शिक्षक संघ का दिया आंकड़ा एक हजार से अधिक है। श्री यादव ने कहा कि भाजपा सरकार ‘महा झूठ का विश्व रिकॉर्ड’ बना रही है। परिवार वालों का दुःख ये हृदयहीन भाजपाई क्या जानें।
बहुजन समाज पार्टी प्रमुख व पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कहा कि पंचायत चुनाव की ड्यूटी निभाने वाले शिक्षकों व अन्य सरकारी कर्मचारियों की कोरोना संक्रमण से मौत की शिकायतें आम हो रही हैं। सही जांच न होने के कारण इन्हें उचित सरकारी मदद भी नहीं मिल पा रही है। यह घोर अनुचित है। सरकार इस पर तुरन्त ध्यान दे।
प्रियंका वाड्रा ने कहा कि पंचायत चुनाव में ड्यूटी करते हुए मारे गए 1621 शिक्षकों की उप्र शिक्षक संघ द्वारा जारी लिस्ट को संवेदनहीन उप्र सरकार झूठ कहकर मृत शिक्षकों की संख्या मात्र तीन बता रही है। शिक्षकों को जीते जी उचित सुरक्षा उपकरण और इलाज नहीं मिला और अब मृत्यु के बाद सरकार उनका सम्मान भी छीन रही है।
वहीं, बेसिक शिक्षा मंत्री डॉ सतीश द्विवेदी ने कहा है कि ड्यूटी के दौरान बेसिक शिक्षा परिषद के केवल तीन शिक्षकों की मौत हुई है। लेकिन कुछ संगठन द्वारा भ्रामक सूचना फैलाई जा रही है। विपक्ष भ्रामक सूचना के आधार पर ओछी राजनीति कर रहा है।
बताया कि राज्य निर्वाचन आयोग को प्रदेश के जिलाधिकारियों से प्राप्त अधिकृत सूचनाओं के आधार पर चुनाव ड्यूटी के दौरान केवल तीन शिक्षकों की मृत्यु हुई है। उनके परिवारों के साथ हमारी पूरी संवेदना है। योगी सरकार उनके आश्रितों को 30 लाख रूपये की अनुग्रह राशि और सरकारी नौकरी तथा अन्य देयकों का भुगतान प्राथमिकता के आधार पर करेगी।