लखनऊ, 25 मार्च (हि.स.)। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने कानपुर और वाराणसी में भी पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली लागू करने का निर्णय लिया है। कैबिनेट ने भी सरकार के इस प्रस्ताव को शुक्रवार की रात अपनी मंजूरी दे दी। प्रदेश की राजधानी लखनऊ और नोएडा में पहले से ही पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली लागू है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में आज रात हुई कैबिनेट की बैठक में निर्णय लिया गया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी और सूबे की औद्योगिक नगरी कानपुर में भी पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली लागू की जाएगी।
बैठक के बाद राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली के तहत दोनों जिलों को दो-दो हिस्सों में बांट दिया गया है। वाराणसी में वाराणसी नगर और ग्रामीण और कानपुर में कानपुर नगर व कानपुर आउटर के रूप में बांटा गया है। वाराणसी नगर और कानपुर नगर में पुलिस कमिश्नर की तैनाती होगी जबकि वाराणसी ग्रामीण और कानपुर आउटर में पुलिस अधीक्षक को जिम्मेदारी दी जाएगी।
प्रवक्ता ने बताया कि नई व्यवस्था में वाराणसी नगर में 18 पुलिस थाने होंगे और वाराणसी ग्रामीण में 10 थाने होंगे। वहीं कानपुर नगर में 34 और कानपुर आउटर में 11 थाने होंगे। इसके अलावा वाराणसी नगर को दो और कानपुर नगर को चार जोन में बांटा गया है। हर जोन में एक डीसीपी की तैनाती होगी।
ये होंगे पुलिस कमिश्नरेट के थाने
वराणसी नगर – कोतवाली, आदमपुर, रामनगर, भेलूपुर, लंका, मड़ुवाडीह, चेतगंज, जैतपुरा, सिगरा, छावनी, शिवपुर, सारनाथ, लालपुर-पांडेयपुर, दशाश्वमेध, चैक, लक्सा, पर्यटक और महिला थाना।
वाराणसी ग्रामीण – रोहनियां, जंसा, लोहता, बड़ागांव, मिर्जामुराद, कपसेठी, चैबेपुर, चोलापुर, फूलपुर और सिंधौरा थाना।
कानपुर नगर – कोतवाली, फीलखाना, मूलगंज, कलेक्टरगंज, हरवंश मोहान, बादशाही नाका, अनवर गंज, रायपुरवा, बैकलगंज, छावनी, रेल बाजार, चकेरी, कर्नलगंज, ग्वाल टोली, कोहना, सीसामऊ, बजरिया, चमनगंज, स्वरूपनगर, नवाबगंज, काकादेव, कल्याणपुर, पनकी, बिठूर, बाबू पुरवा, जूही, किदवईनगर, गोविंद नगर, नौबस्ता, बर्रा, नजीराबाद, फजल गंज, अरमापुर और महिला थाना।
कानपुर आउटर – महाराजपुर, नर्वल, सचेंडी, बिल्हौर, ककवन, चैबेपुर, शिवराजपुर, घाटमपुर, सजेती, साढ़ और बिधनू थाना।
पुलिस के अधिकारों में होगी बढ़ोत्तरी
कमिश्नर प्रणाली लागू होने पर पुलिस के अधिकारों में काफी बढ़ोत्तरी हो जाएगी। उन्हें मजिस्ट्रेट के भी अधिकार मिल जाएंगे। कानून व्यवस्था से जुड़े मामलों में प्रशासनिक अधिकारियों का दखल भी खत्म हो जाएगा। पुलिस कमिश्नर ही कानून व्यस्था से जुड़े तमाम मुद्दों पर निर्णय ले सकेंगे। पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली अधिकतर देश में महानगरों में लागू है।
उप्र की योगी सरकार ने पिछले वर्ष 13 जनवरी को लखनऊ और नोएडा में पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली लागू की थी। दोनों महानगरों में इसके सफल प्रयोग के बाद योगी सरकार ने अब इस प्रणाली को वाराणसी और कानपुर में लागू किया जा रहा है। शासन से जुड़े सूत्रों का कहना है कि राज्य सरकार तीसरे चरण में इसे प्रदेश के कुछ और नगरों में लागू करेगी।