कर्नाटक: येदियुरप्पा के लिए जी का जंजाल बना मंत्रिमंडल विस्तार

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बेंगलुरु, 15 जनवरी (हि.स.)। मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने गुरुवार को शहर में होने वाली पार्टी की कोर कमेटी की बैठक को रद्द कर दिया है। हालांकि बुधवार तक इस बैठक के सम्बन्ध में मीडिया को स्थिति साफ़ नहीं की गई थी। इस बैठक में अन्य मुद्दों के साथ मंत्रिमंडल विस्तार पर पर भी चर्चा की उम्मीद थी। अब राज्य मंत्रिमंडल विस्तार में और देर होने की संभावना जताई गई है।
मुख्यमंत्री ने हाल ही कहा था कि 18 जनवरी को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के राज्य का दौरा करने के बाद मंत्रिमंडल विस्तार किया जाएगा लेकिन इसके दूसरे दिन 19 जनवरी को विश्व आर्थिक मंच के सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए मुख्यमंत्री का दावोस जाने का कार्यक्रम है। वहां से उनकी वापसी 23 जनवरी को होगी। ऐसे में मंत्रिमंडल विस्तार में और देर तय है।
येदियुरप्पा 26 जुलाई, 2019 को चौथी बार कनार्टक के मुख्यमंत्री बने। मंत्रिमंडल विस्तार से पहले उन्होंने केंद्रीय गृहमंत्री और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह से मंजूरी ली थी। तब भी मंत्रिमंडल विस्तार की स्वीकृति के लिए 25 दिन लगे थे और अब भी काफी समय गुजर गया है। इसके कारण पांच दिसम्बर के कर्नाटक उपचुनाव में भाजपा के टिकट पर पुननिर्वाचित हुए दर्जन भर विधायक येदियुरप्पा की विदेश यात्रा से पहले मंत्रिमंडल विस्तार के लिए उन पर दबाव बना रहे हैं। मुख्यमंत्री ने पहले ही यह स्पष्ट कर दिया है कि इन विधायकों को मंत्री बनाया जाएगा।
पूर्व में कुछ ऐसी ख़बरें आई थी कि पार्टी आलाकमान इन विधायकों को मंत्री बनाना नहीं चाह रहा है। पार्टी के अन्य कई विधायक भी मंत्री पद के आकांक्षी हैं, जो लॉबिंग में जुटे हैं। इनमें उमेश कट्टी, रेणुकाचार्य, मुरगेश निराणी सबसे आगे हैं जबकि पार्टी के दलित नेता बी श्रीरामुलु उपमुख्यमंत्री बनाए जाने की मांग कर रहे हैं। मुरगेश निराणी को मंत्री बनाने को लेकर पंचमसाली मठ के पीठाधीश्वर वचनानंद स्वामी ने एक कार्यक्रम में लिंगायत समुदाय के नेता मुरुगेश निरानी को सार्वजनिक रूप से मंत्री बनाने की मांग कर डाली।
इस दौरान येदियुरप्पा ने कहा कि मुझे मुख्यमंत्री बनाने के लिए 17 विधायकों ने अपनी विधायकी से इस्तीफा दिया था। उनके इस त्याग से ही वह कर्नाटक के मुख्यमंत्री बने हैं। मुख्यमंत्री ने वचनानंद स्वामी से साफ़ किया कि आप मेरी स्थिति समझिए और इस तरह की बात मत कीजिए। मैं सत्ता का भूखा नहीं हूं और कल ही मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे सकता हूं। इन हालात में कुल मिलाकर मंत्रिमंडल का विस्तार मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के लिए जी का जंजाल बना हुआ है। ऐसे में मुख्यमंत्री की दावोस वापसी पर सबकी नजरें होंगी। वैसे, मकर संक्रांति के दिन येदियुरप्पा ने पांच मार्च को राज्य बजट पेश करने की घोषणा की थी।

 


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