दिल्ली में खतरे के निशान के समीप बह रही यमुना
नई दिल्ली, 31 अगस्त (हि.स.)। दिल्ली में यमुना नदी उफान पर है। नदी का जल स्तर लगातार बढ़ने से राजधानी के खादर इलाकों में बाढ़ का खतरा मडरा रहा है। दिल्ली सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग ने खादर इलाके में रहने वाले लोगों को बाढ़ से सतर्क रहने की चेतावनी जारी की है।
दिल्ली में रविवार रात को यमुना का जल स्तर 204 मीटर के समीप था। वैसे दिल्ली में बाढ़ के खतरे का निशान 205.3 मीटर है। सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि रविवार सुबह 9 बजे पुराने रेलवे पुल पर यमुना का जल स्तर 203.98 मीटर था। जो शाम होते-होते घटकर 203.97 हो गया। हरियाणा के हथनी कुंड बैराज से लगातार पानी छोड़े जाने से यमुना का जलस्तर बढ़ा है और खतरे के निशान के समीप पहुंच गया है। हथिनीकुंड से 5674 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। बाढ़ नियंत्रण विभाग के अधिकारी का कहना है कि फ़िलहाल अब जलस्तर बढ़ने की संभावना नहीं है।
हरियाणा के हथिनी कुंड बैराज से छोड़ा गया पानी सामान्य रूप से दो-तीन दिन में दिल्ली तक पहुंचता है। यदि यहां से और अधिक पानी छोड़ा जाता है तो दिल्ली के निचले इलाके बाढ़ में डूब जाएंगे। पूर्वी दिल्ली जिला प्रशासन ने स्थिति पर दृष्टि रखने के लिए नदी में 24 नौकाएं उतार दी हैं। इनमें से प्रत्येक पर दो गोताखोर तैनात हैं। साथ ही अतिरिक्त नौकाएं और गोताखोर तैयार रखे गए हैं। आमतौर पर हथनीकुंड बैराज में प्रवाह की दर 352 क्यूसेक है, लेकिन जलग्रहण क्षेत्रों में भारी वर्षा के बाद छोड़ा जाने वाला पानी बढ़ जाता है।
दिल्ली को नोएडा से जोड़ने वाले कालिन्दीकुंज बैराज पर मल्लाह सजल हलधर ने हिन्दुस्थान समाचार को बताया कि यमुना का पानी लगातार बढ़ा है, लेकिन अभी बाढ़ जैसी कोई बात नहीं है। पहले बैराज के तीन गेट खुले होते थे अभी गेट नंबर दो, चार और छह भी खोल दिए गए हैं। पिछले साल के मुकाले पानी अधिक है। अभी तटीय क्षेत्रों में स्थित झोपड़ियों से पानी बहुत दूर है। किसी अनहोनी से निपटने के लिए बैराज पर गोताखोर तैयार रहते हैं।