गोण्डा 19 दिसम्बर (हि.स.) पर्यावरण और समाज के प्रति चिंतनशील एक छात्रा के जज्बे को सलाम करना चाहिए। वह समाज के अभावग्रस्त नौनिहालों का भविष्य संवारने का काम कर रही है। इस छात्रा के एक छोटे से प्रयास से आज सैकड़ों गरीब नौनिहालों का भविष्य संवर रहा है। गरीब छात्रों को मुफ्त शिक्षा देने के साथ-साथ यह छात्रा अपने जेब खर्च से बचत कर इन बच्चों के लिए कॉपी-किताब भी मुहैया कराती है। शिक्षा और पर्यावरण के प्रति चिंतनशील यह छात्रा फॉरेस्ट विभाग की सेवा कर पर्यावरण को हरा भरा बनाए रखने का संकल्प अपने मन में संजोए हुए है।
यहां के गायत्रीपुरम मोहल्ले के एक छोटे मकान में रहने वाली यामिनी लाल बहादुर शास्त्री परास्नाकोत्तर महाविद्यालय में एमएससी द्वितीय वर्ष रसायन विज्ञान की छात्रा है। यामिनी ने यह साबित कर दिया कि समाज के प्रति कुछ करने के लिए संसाधन आड़े नहीं आते हैं। यामिनी बताती हैं कि जब वह कॉलेज पढ़ने जाती थी तो उसके मोहल्ले के तमाम छोटे-छोटे बच्चे सिलाई व चाय पान की दुकान पर काम करते नजर आते थे। इस छात्रा को इस बात का मलाल रहता था कि इन बच्चों का भविष्य बर्बाद हो रहा है। उसने इन बच्चों का भविष्य संवारने का बीड़ा उठाया। उसने उनके माता-पिता से मिलकर बच्चों को शिक्षा देने के लिए प्रेरित किया। जब कुछ अभिभावक गरीबी की दुहाई देने लगे तो यामिनी ने नि:शुल्क पढ़ाने के साथ-साथ कॉपी-किताब देने की भी जिम्मेदारी ले ली। आज सैकड़ों गरीब छात्रों का भविष्य यामिनी संवार रही है। यामिनी कहती है कि अधिकांश प्राइवेट शिक्षण संस्थान सिर्फ दिखावा कर रहे हैं। फीस के नाम पर मोटी रकम लेने के बाद भी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा नहीं दे रहे हैं। इससे नौनिहालों का आधार कमजोर होता जा रहा है। एक प्रश्न के जवाब में यामिनी ने बताया कि आज समाज को पर्यावरण के प्रति जागरूक करने की जरूरत है। वह फॉरेस्ट विभाग की सेवा में जाना चाहती है l वहां पर काम करने का अवसर मिलने के बाद उन्हें पर्यावरण के प्रति बहुत कुछ करने का मौका मिलेगा।