थोक महंगाई दर मई में 3.21 फीसदी गिरी, फिर भी बढ़े खाद्य पदार्थ के दाम
नई दिल्ली, 15 जून (हि.स.)। ईंधन और बिजली के दाम घटने की वजह से थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारित महंगाई दर में मई माह के दौरान 3.21 फीसदी की गिरावट रही। हालांकि, इस दौरान खाद्य पदार्थों की कीमत में बढ़ोतरी हुई है। हालांकि, खाद्य कीमतों में बढ़ोतरी होने के बावजूद औसत थोक महंगाई की दर शून्य से नीचे चली गई है। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के द्वारा सोमवार को जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक एक साल पूर्व यानी मई 2019 में थोक महंगाई की दर 2.79 फीसदी थी।
वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक मई माह के दौरान खाद्य पदार्थों की महंगाई 1.13 फीसदी रही, जबकि इससे एक महीना पहले अप्रैल में ये 2.55 फीसदी थी। वहीं, ईंधन और बिजली समूह में मई के दौरान 19.83 फीसदी अवस्फीति रही, जबकि एक महीना पहले अप्रैल में भी इसमें 10.12 फीसदी की गिरावट रही थी। इसके साथ मैन्युफैक्चर्ड प्रोडक्ट के मामले में भी मई माह के दौरान 0.42 फीसदी की गिरावट रही।
गौरतलब है कि मुद्रास्फीति की विपरीत स्थिति को अवस्फीति कहते हैं। इसमें मुद्रा का मूल्य बढ़ता है, यानी कीमतें घटती हैं। दरअसल उत्पादन तथा रोजगार घटने के साथ-साथ कीमतें गिरतीं हैं। दरअसल देश में 25 मार्च 2020 से लॉकडाउन लागू होने से आंकड़ों के संकलन पर भी असर पड़ा है। वाणिज्य मंत्रालय ने तब अप्रैल माह के लिए थोक मूल्य सूचकांक के संकुचित आंकड़े जारी किये थे। अप्रैल के लिए केवल खाद्य पदार्थों, प्राथमिक वस्तुओं और ईंधन एवं बिजली समूह के ही आंकड़े जारी किए गए थे। मार्च 2020 की अंतिम थोक महंगाई दर 0.42 फीसदी रही। 14 अप्रैल को जारी आंकड़ों में मार्च की थोक महंगाई दर 1 फीसदी बताई गई थी।
उल्लेखनीय है मंत्रालय ने अधिकारियों को इलेक्ट्र्रॉनिक माध्यम से आंकड़े जुटाने के निर्देश दिए हैं। अप्रैल का अंतिम सूचकांक अगले महीन जारी किया जाएगा। मंत्रालय ने कहा कि मूल्यों के आंकड़े देशभर में स्थित चुनिंदा संस्थानिक सूत्रों और औद्योगिक प्रतिष्ठानों से लिए जाते हैं। ये आंकड़े वेबसाइटों के जरिये जुटाए जाते हैं, जिनका प्रबंधन नेशनल इंफोर्मेटिक्स सेंटर (एनआईसी) करता है।