हरिद्वार, 10 जनवरी (हि.स.)। अमेरिका में योग के साथ-साथ भारत की संस्कृति और हिन्दी भाषा का डंका बजाने वाले डॉ. मोक्षराज का कहना है कि विश्व में हिंदी भाषा का लगातार विस्तार हो रहा है। भारत-सरकार की हिन्दी प्रचार संबंधित नीतियों का ही यह सुपरिणाम है कि हम विश्व पटल पर भारत का वास्तविक स्वरूप प्रस्तुत करने में सफल हो रहे हैं । हमने हिंदी को हॉलीवुड तक पहुंचाया है।
भारत की ओर से भारतीय राजदूतावास वाशिंगटन डीसी में प्रथम सांस्कृतिक राजनयिक रहे डॉ. मोक्षराज 3 वर्ष तक अमेरिका में भारतीय संस्कृति शिक्षक के पद पर सेवा दे चुके हैं। वे एक सप्ताह पहले ही स्वदेश लौटे हैं। विश्व हिन्दी दिवस पर ‘हिन्दुस्थान समाचार’ के साथ खास बातचीत में डा. मोक्षराज ने बताया कि उनके कार्यकाल में अनेक वैज्ञानिक, अमेरिकी विदेश विभाग के लोग, व्यापारी, विद्यार्थी तथा भारत की कला संस्कृति एवं बॉलीवुड की फ़िल्मों को समझने के लिए सैकड़ों लोग हिंदी सीखने आते थे। और तो और कुछ लोग तो अपने भारतीय मूल के जीवन साथी को खुश करने के लिए भी हिन्दी सीख रहे थे।
उन्होंने कहा, “हमें अपने स्वदेशी स्वाभिमान को जाग्रत रखने के लिए हिन्दी की संजीवनी का प्रयोग करना चाहिए। भारतीय मूल के किसी भी युवा को हिंदी का त्याग नहीं करना चाहिए। वास्तविकता यह है कि सम्पूर्ण विश्व में हिंदी की कीर्ति व वैभव बढ़ रहा है। हमें हिंदी की शक्ति को पहचानना होगा। इसके लिए अपने अंदर से किसी भी प्रकार की हीनभावना वाली ग्रंथि को तोड़ना आवश्यक है।”
गौरतलब है कि हाल ही में हम सभी ने अफ़्रीकन अमेरिकन मूल की प्रसिद्ध गायिका एवं हॉलीवुड अभिनेत्री मैरी मिल्बेन से “ओम् जय जगदीश हरे” तथा “भारत का राष्ट्रगान” सुना था, जिसकी पूरे विश्व में भूरि-भूरि प्रशंसा हुई। मैरी मिल्बेन डॉ. मोक्षराज की ही हिंदी छात्रा रही हैं। मैरी मिल्बेन पर भारतीय संस्कृति और सभ्यता का गहरा प्रभाव पड़ा है। वे भारत आने के लिए आतुर हैं। मिल्बेन की ही भांति डॉ. मोक्षराज से दूतावास परिसर, जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी और जॉर्ज वाशिंगटन यूनिवर्सिटी में हिंदी पढ़ने वाले विभिन्न 12 देशों के छात्रों में भी हिन्दी के माध्यम से भारत को जानने की उत्सुकता जगाई है।