विश्व स्वास्थ्य संगठन ने हाईड्रोक्सी क्लोरोक्वीन के ट्रायल पर फिर लगाई रोक

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कहा, दवा कोरोना के इलाज में बेअसर



नई दिल्ली, 18 जून (हि.स.)। कोरोना के इलाज के लिए दी जाने वाली मलेरिया की दवा हाईड्रोक्सी क्लोरोक्वीन एक बार फिर विवादों में है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने हाईड्रोक्सी क्लोरोक्वीन दवा पर चल रहे एकजुटता ट्रायल पर रोक लगा दी है।
बुधवार को विश्व स्वास्थ्य संगठन के रिसर्च की हेड आना मारिया ने कहा कि मौजूदा शोध और अध्ययन के नतीजों को देखते हुए हाईड्रोक्सी क्लोरोक्वीन दवा पर चल रहे एकजुटता ट्रायल को बंद करने का फैसला लिया गया है। उन्होंने कहा कि इस दवा को लेकर यूनाइटेड किंगडम में किए गए अध्ययन की नतीजे व फ्रांस में किए गए नतीजों के मद्देनजर यह पाया गया है कि इस दवा का इस बीमारी में कोई असर नहीं है। हालांकि उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने इस दवा का प्रयोग किया है, वे इसे डॉक्टरी सलाह से बंद या जारी रख सकते हैं।
उल्लेखनीय है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इससे पहले भी मई के महीने में इस ट्रायल को लैंसेट स्वास्थ्य मैगेजीन में छपे अध्ययन का हवाला देते हुए रोक लगा दी थी। लैंसेट में छपे लेख के अनुसार कोरोना के इलाज में हाईड्रोक्सी क्लोरोक्वीन दवा बेअसर होने के साथ दिल के मरीजों के लिए घातक भी है। इसके सेवन से दिल की धड़कनें बढ़ जाती हैं।

 


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