उत्तर प्रदेश: ग्रामीण आजीविका मिशन से महिलाएं बन रही आत्मनिर्भर
मेरठ, 18 दिसम्बर (हि.स.)। प्रदेश सरकार की योजनाओं से महिलाएं आत्मनिर्भर और स्वावलंबी बन रही है। प्रदेश सरकार द्वारा महिला सशक्तीकरण की दिशा में विभिन्न योजनाएं एवं कार्यक्रम संचालित कर महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है। जिस तरह एक महिला के शिक्षित होने पर दो परिवार शिक्षित होते हेैं, उसी प्रकार एक महिला के आर्थिक रूप से मजबूत होने पर पूरे परिवार को आर्थिक सम्बल मिलता है।
प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश की महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई योजनाएं लागू की है। उनमें उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन प्रमुख है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य यह है कि राज्य में रह रहे ग्रामीण गरीब परिवारों की कम से कम एक महिला सदस्य को समूह एवं अन्य सामुदायिक संस्था के माध्यम से संगठित कर उन्हें आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाना है।
प्रदेश में 371777 स्वयंसहायता समूहों का गठन
वर्तमान में प्रदेश में कुल 371777 स्वयं सहायता समूहों का गठन किया गया है। 15945 ग्राम संगठनों एवं 775 संकुल स्तरीय संघों से आच्छादित किया गया है। अब तक कुल 241732 स्वयं सहायता समूहों को रिवाल्विंग फण्ड, 141709 समूहों को सामुदायिक निवेश निधि एवं 116133 समूहों को बैंक क्रेडिट लिंकेज द्वारा आच्छादित किया जा चुका है। प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा मई 2020 मंे इस वर्ष के 31938 पात्र स्वयं सहायता समूहों को 218.49 करोड़ रूपये की धनराशि का आॅनलाइन ट्रांसफर किया गया। प्रदेश सरकार की मंशा है कि प्रदेश के एक करोड़ चार लाख ग्रामीण संगठन एवं तीन हजार संकुल स्तरीय संगठनों में संगठित कर आर्थिक विकास किया जाए। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के द्वारा ग्रामीण परिवेश की महिलाओं के जीविकोपार्जन हेतु विभिन्न कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं।
महिला किसान सशक्तीकरण परियोजना के अन्तर्गत प्रदेश के महिला किसानों के सतत कृषि पद्धति एवं गुणात्मक पशुपालन का प्रशिक्षण दिलाया गया। 22 जनपदों के 25 विकास खण्डों में 107814 महिला किसानों को खेती पशुपालन का प्रशिक्षण दिलाया गया। डेयरी वैल्यू चैन (दुग्ध मूल्य श्रृंखला) के अंतर्गत बुन्देलखण्ड क्षेत्र में दुग्ध बेचने हेतु महिलाओं की प्रोड्यूसर कम्पनी का गठन किया गया है। बुन्देलखण्ड के इन्टेन्सिव जनपदों के 600 ग्रामों में एनडीएस के सहयोग से डेयरी परियोजना के अन्तर्गत 3600 स्वयं सहायता समूहों की 48000 महिलाओं को ‘बालिनी मिल्क प्रोड्यूसर कम्पनी’ वैल्यू चैन के रूप में विभिन्न चरणों में संगठित किया जा रहा है। अब तक 7000 से अधिक समूहोें की महिला सदस्यों के साथ कार्य किया जा रहा है। 21 हजार किलोग्राम दुग्ध का संग्रह प्रतिदिन बालिनी मिल्क प्रोड्यूसर कम्पनी द्वारा किया जा रहा है। इससे महिला समूहों का आर्थिक लाभ हो रहा है।
बिजनेस कारेस्पान्डेंस सखी:
ग्रामीण क्षेत्र में घर के दरवाजे पर वित्तीय समावेशन गतिविधि के माध्यम से वित्तीय लेन-देन एवं विभिन्न योजनाओं से ग्रामवासियों को लाभान्वित करने एवं प्रोत्साहित करने की दिशा में प्रदेश की 58000 ग्राम पंचायतों में विभिन्न बैंकों के माध्यम से तैनात किया जा रहा है।
स्टार्टअप विलेज इंटर प्रोन्योरशिप प्रोग्राम
इस विशेष परियोजना को मिशन द्वारा ईडीआई अहमदाबाद एवं कुटुम्बश्री केरल की साझेदारी से चलाया जा रहा है। इसमें प्रदेश के नौ जनपदों के नौ विकास खण्डों में स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं को उद्यमिता हेतु वित्तीय एवं तकनीकी सहायता उपलब्ध कराई जा रही है। अब तक इस कार्यक्रम में 5377 से अधिक महिला उद्यमियों को लाभान्वित किया जा चुका है।
समूहों के 70 लाख सौर ऊर्जा कार्यक्रम
यह कार्यक्रम नवीन एवं नवीकरणीय मंत्रालय भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित एवं उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण मंत्रालय आईआईटी मुम्बई एवं एनर्जी एफिशियन्सी सर्विस लिमिटेड द्वारा में संचालित किया जा रहा है। प्रदेश के 30 जनपदों में स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से 34 लाख सोलर कैम्पस का निर्माण कराकर विद्यार्थियों को उपलब्ध कराया जा रहा है। इस कार्य से समूहों की महिलाओं को लगभग 10 करोड़ रूपये की आय होगी। एक हजार से अधिक समूहों की महिलाओं को लैम्प बनाने का प्रशिक्षण दिया जा चुका है। वर्तमान में 27.99 लाख सोलर स्टडी लैम्प बनाकर दिए जा चुके हैं। इससे सात करोड़ रुपए की आय हुई है। जिसमें 4000 से अधिक परिवार इससे लाभान्वित हो चुके हैं।
आजीविका ग्रामीण एक्सप्रेस योजना का मुख्य उद्देश्य स्वयं सहायता समूहों के सदस्यों को आजीविका प्रदान करना है। इसके तहत पिछड़े ग्रामीण क्षेत्रों में सार्वजनिक परिवहन सेवाएं परिचालित करने की सुविधा प्रदान करने की व्यवस्था है। इसमें ई-रिक्शा, तीन और चार पहिया मोटर चालित परिवहन वाहनों को सुरक्षित और सस्ती सामुदायिक निगरानी वाली ग्रामीण परिवहन सुविधाएं उपलब्ध हो ताकि दूर-दराज के गांवों को बाजार, शिक्षा, स्वास्थ्य जैसी मुख्य सेवाओं और सुविधा से जोड़ा जा सके।
इस योजना के अन्तर्गत सामुदायिक आधार संगठन (सीबीओ) द्वारा अपने स्वयं के कोष से स्वयं सहायता समूह के सदस्यों को वाहन खरीदनंे के लिए ब्याज रहित ऋण प्रदान किया जाता है। प्रदेश में यह योजना 25 जिलों के 53 विकास खण्डों में छोटे वाहन के माध्यम से दूरदराज के ग्रामों को ब्लाक मुख्यालय एवं कस्बों से जोड़ने के लिए 220 वाहन चल रहे हैं। इस योजना के अन्तर्गत महिला समूहों की मासिक औसत आय 4660 रुपए से बढ़कर 13525 रुपए हो गई है। उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के अन्तर्गत संचालित आजीविका ग्रामीण एक्सप्रेस योजना के अन्तर्गत उत्कृष्ट कार्य करने पर उत्तर प्रदेश को राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त करने पर भारत सरकार द्वारा गोल्ड मेडल प्रदान किया गया है।
वंचित समूहों की महिलाओं का हो रहा आर्थिक विकास
प्रदेश सरकार वंचित समुदाय की महिलाओं को समूहों के माध्यम से जोड़कर उनका आर्थिक विकास कर रही है। 19 जनपदों के 2843 ग्राम पंचायतों में 839 विशिष्ट मुसहर समूह का गठन कर 451 महिला समूहों को रिवाल्विंग फण्ड, 214 समूहों को सीआईएफ वितरित किया गया। वनटंगिया समुदाय के 280 समूह, बावरिया समुदाय के 236 समूह, थारू जनजाति के 371 समूहों का गठन करते हुए रिवाल्विंग फण्ड आदि देते हुए हजारों महिलाओं को रोजगार से लगाते हुए उनके परिवार की आर्थिक स्थिति मजबूत की गयी है।
महिला समूहों के माध्यम से स्कूल यूनीफार्म सिलाई कराकर प्रदेश सरकार समूहों की महिलाओं को आर्थिक समृद्धि की ओर बढ़ा रही है। बेसिक शिक्षा सर्व शिक्षा अभियान, कस्तूरबा विद्यालयों के छात्रध्छात्राओं की यूनीफार्म सिलाई करायी गयी है। वित्तीय वर्ष 2018-19 में 893020 स्कूल यूनीफार्म वर्ष 2019-20 में 2893672 एवं वर्ष 2020-21 में एक करोड़ लक्ष्य के सापेक्ष 4523850 यूनीफार्म की सिलाई की गयी। इससे समूहों की महिलाओं को आर्थिक लाभ हुआ है।
फार्म मशीनरी बैंक कृषि विभाग की एक महत्वाकांक्षी योजना है। इस योजना के तहत कृषि विभाग द्वारा ग्रामीण निर्धन समूहों को कृषि उपयोगी यंत्र खरीदने के लिए सब्सिडी दी जाती है। राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के अन्तर्गत गठित स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को कृषि विभाग की फार्म मशीनरी बैंक योजना से जोड़ा जा रहा है। अब तक प्रदेश में 132 फार्म मशीनरी बैंक की स्थापना की जा चुकी है। प्रदेश सरकार आजीविका सम्बन्धी समूहों के लिए विकास खण्ड कार्यालयों में प्रेरणा कैण्टीन खोलकर, कैण्टीन चलाकर धनार्जन करने का भी कार्य किया जा रहा है। वर्तमान मेें 439 से ज्यादा कैंटीन स्वयं सहायता समूहों द्वारा चलाई जा रही है।
प्रदेश सरकार की महत्वपूर्ण योजना एक जनपद एक उत्पाद में भी समूहों को जोड़ा जा रहा है। उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के साथ अभिसरण के माध्यम से आजीविका संवर्धन एवं महिलाओं की आय सृजन हेतु सभी 75 जनपदों में विद्युत बिलों के कलेक्शन का कार्य स्वयं सहायता समूहों से कराया जा रहा है। प्रारम्भिक चरण मेें 3714 समूहों द्वारा एजेंट के रूप मेें कार्य किया जा रहा है।
मनरेगा के अन्तर्गत समूह की महिलाओं के माध्यम से सीआईबी बोर्ड का कार्य किया जा रहा है। अभी तक 13.49 करोड़ रूपये मूल्य के 36822 सीआईबी बोर्ड बनाने का आर्डर समूहों को दिया गया है। प्रदेश मेें पशुपालन विभाग व अन्य विभागीय योजनाओं से अभिसरण के माध्यम से 31146 महिलाओं को मुर्गीपालन आदि से लाभान्वित किया गया है। राज्य पोषण मिशन के अन्तर्गत समूहों द्वारा स्वास्थ्य, पोषण, आदि गतिविधियों पर भी कार्य किया जा रहा है।