लखनऊ, 08 सितम्बर (हि. स.)।भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं में जिन लड़ाकू फौज की बात की जाती है उनमें बूथ अध्यक्षों के बाद पन्ना प्रमुखों की चर्चा सबसे अधिक होती है। विपक्षी दल इस खोज में लगे रहते हैं कि आखिर यह पन्ना प्रमुख है क्या चीज ?कौन हैं यह ? क्या काम करते हैं ? और कैसे पन्ना प्रमुख बनाए जाते हैं ? उनकी योग्यता क्या होती है ? हम आपको इस स्टोरी में पन्ना प्रमुख से जुड़ी हर वह बात बताएंगे जिसको लेकर आपके मन में सवाल उठ रहे होंगे ?
भारतीय जनता पार्टी में निचले स्तर पर दो धड़े महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। एक बूथ कमेटी और दूसरे पन्ना प्रमुख हैं। भाजपा में मंडल यानी ब्लॉक स्तर से लेकर मुख्यमंत्री तक पन्ना प्रमुख की भूमिका निभा रहे हैं। भाजपा के सक्रिय कार्यकर्ता होना ही इनकी योग्यता है। प्रदेश में मौजूदा समय एक लाख 63 हजार बूथ हैं। एक बूथ की वोटर लिस्ट में जितने भी पन्ना होंगे, उतने पन्ना प्रमुख बनाए जाते हैं। उदाहरण के रूप में समझा जा सकता है की यदि एक पन्ने में 60 मतदाता हैं। उन्हीं मतदाताओं में से एक व्यक्ति पन्ना प्रमुख बनाया जाएगा। वह पन्ना प्रमुख बाकी सभी 59 लोगों से सतत संपर्क, सतत संवाद और सतत संप्रेषण के मंत्र को मूर्त रूप प्रदान करेगा। पार्टी और सरकार के हर कार्यक्रम, अभियान और योजनाओं के बारे में बताएगा। यानी कि पार्टी का एक ऐसा जिम्मेदार कार्यकर्ता जो पन्ने के बाकी लोगों से घुलमिल कर रहेगा और उन्हें भाजपा परिवार का हिस्सा बनाये रखेगा।
‘मैं भी पन्ना प्रमुख’ अभियान
पन्ना प्रमुख की इस वक्त बात इसलिए की जा रही है क्योंकि भारतीय जनता पार्टी ने “मैं भी पन्ना प्रमुख” अभियान शुरू किया है। पार्टी का यह अभियान आठ अक्टूबर से 15 अक्टूबर तक चलेगा। इस दौरान पार्टी के बड़े-बड़े दिग्गज नेता समेत सभी पन्ना प्रमुख अपने पन्ने के साथ सेल्फी लेकर सोशल मीडिया पर डालेंगे। बड़े नेता सेल्फी वाली फोटो सोशल मीडिया पर डालकर कार्यकर्ताओं को प्रेरित करेंगे कि वह बड़े पदों पर रहकर भी पन्ना प्रमुख का दायित्व निभा रहे हैं।
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता मनीष शुक्ला ने बताया कि हमारी पार्टी बूथ जीतो चुनाव जीतो के मंत्र पर चुनाव लड़ती है। पार्टी की खासियत है कि बिना भेदभाव के लोगों को दायित्य दिए जाने की व्यवस्था है। उसी प्रकार पन्ना प्रमुख के दायित्य में भी सभी लोग हो सकते हैं। हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष भी अपने बूथ के पन्ना प्रमुख हैं। पार्टी के बड़े दायित्व वाले नेताओं से लेकर बूथ तक के पदिधकारी पन्ना प्रमुख हो सकते हैं। विपक्षी दलों की तरह हमारे यहां परिवार के लोग ही सबकुछ नहीं हो जाते और न ही ऐसा होता है कि बड़े पद पर रहने वाले कार्यकर्ता से ऊपर उठ गये। विपक्ष के पास के पास न तो दिशा है और न ही दृष्टि। उन्हें सिर्फ लूट तंत्र और परिवारवाद समझ आता है। पार्टी के यही देवतुल्य कार्यकर्ता जनता से संवाद स्थापित कर 2022 में एक बार फिर प्रचंड बहुमत की सरकार बनाने का काम करेंगे।