महंगाई से नहीं मिली राहत, अक्टूबर में थोक महंगाई दर में 12.54 प्रतिशत के स्तर पर पहुंची
नई दिल्ली, 15 नवंबर (हि.स.)। महंगाई की मार से त्रस्त देश की आम जनता के लिए अक्टूबर का महीना भी महंगाई बढ़ाने वाला महीना ही साबित हुआ। अक्टूबर के महीने में थोक महंगाई दर 12.54 प्रतिशत हो गई है, जो इसके पहले सितंबर के महीने में 10.66 प्रतिशत के स्तर पर थी। अगर वार्षिक आधार पर देखा जाए तो पिछले साल अक्टूबर के महीने में थोक महंगाई दर 1.31 प्रतिशत थी। इस लिहाज से कहा जा सकता है कि 1 वर्ष की अवधि में महंगाई दर ने जोरदार छलांग लगाई है।
आपको बता दें कि देश में थोक महंगाई दर पिछले 7 महीनों से लगातार 2 अंकों में बनी हुई है। माना जा रहा है कि महंगाई बढ़ने की मुख्य वजह पेट्रोलियम उत्पादों की कीमत में आई जबरदस्ती तेजी रही है। इसके अलावा खाद्य उत्पादों और मेटल सेक्टर में आई तेजी ने भी महंगाई दर में इजाफा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
महंगाई दर के आंकड़ों के मुताबिक ईंधन और ऊर्जा सेक्टर में अक्टूबर महीने के दौरान महंगाई दर 37.18 प्रतिशत हो गई, जो सितंबर के महीने में 24.81 प्रतिशत थी। इसी तरह मैन्युफैक्चर्ड प्रोडक्ट्स की महंगाई दर अक्टूबर के महीने में 12.04 प्रतिशत हो गई, जो सितंबर में 11.41 प्रतिशत थी। वहीं खाद्य पदार्थों की कीमत में 3.06 प्रतिशत का इजाफा हुआ, जबकि सितंबर में खाद्य पदार्थों की महंगाई दर 1.14 प्रतिशत थी। इसी तरह प्राइमरी आर्टिकल्स सितंबर के 4.10 प्रतिशत से बढ़कर 5.20 प्रतिशत के स्तर पर पहुंच गए। थोक महंगाई के मामले में कुछ सेक्टर्स में राहत भी मिली है, लेकिन पेट्रोलियम उत्पादों और खाद्य पदार्थों की महंगाई ने ओवरऑल महंगाई दर को बढ़ाने में काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
इसके पहले पिछले सप्ताह शुक्रवार को ही खुदरा महंगाई दर के आंकड़े भी जारी किए गए थे। इन आंकड़ों में भी अक्टूबर के महीने में बढ़ोतरी दर्ज की गई थी। अक्टूबर के महीने में खुदरा महंगाई दर 4.48 प्रतिशत के स्तर पर थी, जबकि सितंबर के महीने में खुदरा महंगाई दर 4.35 प्रतिशत के स्तर पर थी। राहत की बात यही है कि खुदरा महंगाई दर अभी भी भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा तय की गई 6 प्रतिशत की अधिकतम सीमा के अंदर ही है, जिसके कारण ये माना जा रहा है कि खुदरा महंगाई दर को बेलगाम नहीं होने दिया जाएगा। हालांकि जानकारों का कहना है कि अगर थोक महंगाई दर में बढ़ोतरी इसी तरह जारी रही, तो आने वाले दिनों में खुदरा महंगाई दर भी बेकाबू हो सकती है। जिससे आम लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।