गृहमंत्री अमित शाह को हिंसा पर बंगाल सरकार का गोलमोल जवाब
पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली में गत शनिवार को भारतीय जनता पार्टी के पांच कार्यकर्ताओं की गोली मारकर हत्या किए जाने की घटना पर केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से मांगी गई रिपोर्ट का जवाब बंगाल सरकार ने गोलमोल दिया है। राज्य के मुख्य सचिव मलय कुमार दे ने एक केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को लिखी चिट्ठी में कहा है कि उत्तर 24 परगना की घटना को लेकर पुलिस कार्रवाई कर रही है।
कोलकाता, 10 जून (हि.स.)। पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली में गत शनिवार को भारतीय जनता पार्टी के पांच कार्यकर्ताओं की गोली मारकर हत्या किए जाने की घटना पर केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से मांगी गई रिपोर्ट का जवाब बंगाल सरकार ने गोलमोल दिया है। राज्य के मुख्य सचिव मलय कुमार दे ने एक केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को लिखी चिट्ठी में कहा है कि उत्तर 24 परगना की घटना को लेकर पुलिस कार्रवाई कर रही है।
हालांकि पत्र में राज्य के मुख्य सचिव ने इस बात का जिक्र नहीं किया है कि क्या कार्रवाई की गई है। केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से इस मामले में राज्य सरकार से मांगी गई रिपोर्ट के जवाब में मलय ने लिखा है कि चुनाव बाद पश्चिम बंगाल के विभिन्न हिस्से में “गैर सामाजिक तत्वों” द्वारा हिंसा को बढ़ावा दिया जा रहा है। राज्य सरकार इस पर लगाम लगाने के लिए पूरी तरह से तत्पर है।
मलय ने लिखा है, उत्तर 24 परगना में भी जो घटना हुई है उसमें पुलिस ने मामला दर्ज किया है। हालात नियंत्रण में हैं और पूरी परिस्थिति पर काफी करीब से निगरानी रखी जा रही है। राज्य सरकार की कानून व्यवस्था संभालने वाली एजेंसियां इस मामले में पूरी तरह सतर्क हैं और सरकार शांति बहाली के लिए काम कर रही है।
उल्लेखनीय है कि शनिवार की रात संदेशखाली में भारतीय जनता पार्टी का झंडा उतारकर फेंकने के बाद शुरू हुए विवाद में भाजपा के पांच कार्यकर्ताओं की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। तृणमूल ने भी दावा किया है कि उनके तीन कार्यकर्ताओं की हत्या हुई है। इस घटना पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को राज्य सरकार से रिपोर्ट तलब की थी। जवाब में मुख्य सचिव मलय दे ने एक चिट्ठी लिखी है, लेकिन यह नहीं बताया है कि राज्य सरकार ने क्या कार्रवाई की, कितने लोगों को गिरफ्तार किया गया और घटना का कारण क्या है? पुलिस इसे संभालने में नाकाम क्यों रही आदि। अब देखना होगा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय इस पर क्या रुख अपनाता है।