नई दिल्ली, 27 नवम्बर (हि.स.)। नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल (एनजीटी) ने बिहार के मुजफ्फरपुर में कांटी स्थित थर्मल पावर प्लांट से पर्यावरण को हो रहे नुकसान संबंधी याचिका पर स्टेटस रिपोर्ट दाखिल नहीं करने पर बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को फटकार लगाई है। एनजीटी चेयरपर्सन जस्टिस आदर्श कुमार गोयल ने बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को चेतावनी देते हुए स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने के लिए अंतिम अवसर दिया और कहा कि हम चाहें तो बोर्ड के सदस्य सचिव को जेल भेज सकते हैं।
दरअसल सत्येन्द्र सहनी ने एनजीटी में याचिका दायर किया है। याचिका में कहा गया है कि कांटी थर्मल पावर प्लांट के प्रदूषण से आस पास के लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा असर हो रहा है। प्रदूषण से आसपास के गांवों के मवेशी भी प्रभावित हो रहे हैं। याचिका पर सुनवाई करते हुए एऩजीटी ने पिछले 16 अप्रैल को मुजफ्फरपुर के डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट और बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से स्टेटस रिपोर्ट तलब किया था। सुनवाई की अगली तिथि 7 अगस्त को कोई स्टेटस रिपोर्ट दाखिल नहीं की गई। उसके बाद एनजीटी ने बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को एक और मौका देते हुए 30 सितंबर को स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया।
बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने अभी तक एनजीटी में दाखिल नहीं किया है। इससे नाराज एनजीटी ने बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को फटकार लगाते हुए कहा कि हम चाहें तो आदेश की अवहेलना करने पर बोर्ड के सदस्य सचिव को जेल भेज सकते हैं। लेकिन हम आपको अंतिम अवसर दे रहे हैं। एनजीटी ने बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से एक महीने के भीतर स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया। मामले की अगली सुनवाई 3 फरवरी को होगी।