पश्चिम बंगाल सरकार ने निजी अस्पतालों को स्वास्थ्य सेवाएं बहाल रखने के दिए निर्देश

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कोलकाता, 02 मई (हि.स.)। कोरोना वायरस संकट के बीच आम लोगों को कोरोना के साथ किसी अन्य बीमारी के इलाज में किसी तरह की कोई समस्या ना हो इसलिए पश्चिम बंगाल सरकार ने निजी अस्पतालों को स्वास्थ्य सेवाएं बहाल रखने के निर्देश दिए हैं।
राज्य स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी निर्देश में स्पष्ट किया गया है कि राज्य के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में चरणबद्ध तरीके से सामान्य सेवाएं बहाल रहनी चाहिए। साथ ही यहां काम करने वाले चिकित्सकों, नर्सों और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा और सुविधा का ध्यान सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ दिए जाने का निर्देश दिया गया है। विभाग ने एक अधिसूचना में कहा, ‘‘ऐसी रिपोर्टें हैं कि जिन मरीजों को ब्लड ट्रांसफ्यूजन, डायलिसिस, कीमोथेरैपी, प्रसूति देखभाल, प्रसव, प्रतिरक्षा से संबंधित नियमित देखभाल की जरूरत है, वे मुश्किलों का सामना कर रहे हैं क्योंकि निजी अस्पताल और स्वास्थ्य देखभाल केंद्र कोविड-19 की चपेट में आने के डर से या तो काम नहीं कर रहे या मरीजों को वापस लौटा रहे हैं। कुछ अस्पताल मरीजों को भर्ती करने से पहले उनसे कोविड-19 संक्रमण से मुक्त होने का प्रमाणपत्र मांग रहे हैं। ऐसी स्थिति से तत्काल निपटने की आवश्यकता है। अस्पतालों को स्वास्थ्य सेवाएं बहाल रखनी होगी और इस तरह का बर्ताव नहीं होना चाहिए।’’ इसमें कहा गया है कि निर्देशों का पालन न करने पर संबंधित स्वास्थ्य देखभाल केंद्रों पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। गौर हो कि जब से कोरोना संकट फैला है तब से राजधानी कोलकाता समेत पूरे राज्य में निजी अस्पतालों में डॉक्टर नहीं हैं। यहां तक कि चेंबर में भी डॉक्टर नहीं बैठ रहे हैं जिससे दूसरी बीमारियों से पीड़ित लोग काफी परेशानी में पड़े हुए हैं।

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