सफाई के बाद गंगनहर में हरिद्वार से छोडा पानी
मेरठ, 05 नवम्बर (हि.स.)। वार्षिक सफाई के बाद गुरुवार को आधी रात के बाद हरिद्वार से अपर गंगनहर में पानी छोड दिया गया। दो दिन के अंदर मेरठ में पेयजल के लिए गंगनहर का पानी लोगों को मिलना शुरू हो जाएगा।
प्रत्येक वर्ष अपर गंगनहर और उससे निकलने वाले रजवाहों की सफाई के लिए गंगनहर लगभग एक पखवाडे के लिए बंद की जाती है। इस बार 15 अक्टूबर की आधी रात से गंगनहर को बंद किया गया था। गंगनहर बंद होने से मेरठ, गाजियाबाद, नोएडा और दिल्ली को पेयजल मिलना बंद हो जाता है। दिल्ली-एनसीआर में स्थानीय साधनों से लोगों को पेयजल की सप्लाई की जा रही थी। मेरठ शहर में नलकूपों और टैंकरों के जरिए पेयजल भेजा जा रहा था। चार नवंबर की आधी रात तक गंगनहर में हरिद्वार से गंगाजल छोड दिया गया। हरिद्वार से मेरठ की भोला झाल तक गंगनहर में पानी आने में दो दिन लग जाएंगे। इसके बाद मेरठ शहर को गंगाजल की सप्लाई शुरू हो जाएगी। सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता नीरज लांबा का कहना है कि मेरठ महानगर के टाउन हॉल, पीएल शर्मा स्मारक, सर्किट हाउस और विकासपुरी जलाशयों में रविवार से गंगाजल पहुंचना शुरू हो जाएगा। इसके साथ ही मेरठ महानगर के लगभग छह लाख लोगों को पेयजल मिलना शुरू होगा।
रजवाहों-माइनरों की सफाई चल रही
बारिश के कारण रजवाहों और माइनरों की सफाई शुरू होने में देरी हो गई। गंगानहर में पानी आने के बाद भी रजवाहों की वार्षिक सफाई जारी रहेगी। सिंचाई अधिकारियों का कहना है कि जल्दी ही रजवाहों व माइनरों की सफाई का कार्य पूरा कर लिया जाएगा। किसानों को भी तय समय पर गंगनहर का पानी मिलना शुरू हो जाएगा।