नई दिल्ली, 10 जुलाई (हि.स.)। जल ही जीवन है लेकिन जब जल ही पीने लायक न हो तो। गर्मियां आते ही पानी की जरूरत दो सौ गुना बढ़ जाती है। विभिन्न तरह के समारोह, स्कूल, ऑफिस रेलवे स्टेशन, बस अड्डों पर भारी मात्रा में पानी की जरूरत पड़ती है। लोग अपनी प्यास बुझाने के लिए पैकेट और बोतलों में आने वाला पानी ही देखते है। उसकी स्वच्छता नहीं। दिल्ली ही नहीं पूरे भारत में ऐसे गैंग हैं, जो पैकेट और बोतलों में पानी भरकर उस पर आकर्षक लेवल लगाकर उनको बेचा करते हैं, जिससे लोग बीमार तक हो जाते हैं।
ऐसे गंभीर मामले को देखते हुए डीजी आरपीएफ ने भारत के सभी रेलवे स्टेशनों पर ‘ऑपरेशन थ्रस्ट’ (ऑपरेशन प्यास) नामक एक अभियान चलाया, जिसमें सभी स्टेशन के पीसीएससी शामिल हुए। अब तक 732 मामले दर्ज कर 801 लोगों को गिरफ्तार किया गया।पीडीडब्ल्यू की 48,860 बोतलें जब्त की गई और चार पेंटर कार मैनेजरों को भी गिरफ्तार किया गया। जांच टीम के सामने ऐसे दर्जनों मामले सामने आए, जहां रेलवे स्टॉल पर ऐसे पानी की बोतलें बेची जा रही थी जिनको रेलवे प्रशासन ने ऑथॉरिटी नहीं दे रखी थी।
अधिकारियों का कहना है कि गर्मियां आते ही हाईवे पर बच्चों को पैकेट में पानी बेचते हुए देखा जा सकता है। इसकी स्वच्छता का मापदंड नहीं होता है। कुछ ऐसे लोग हैं जो पानी की स्वच्छता को अनदेखा कर पानी को पैकेट में भरकर हाईवे पर बेचा करते हैं, जो पूरी तरह से गैरकानूनी होता है। इस पर कानूनी तौर पर लगाम लगाने की जरूर है। उनका कहना है कि रेलवे स्टेशनों पर कई बार स्टिंग ऑपरेशन हुए हैं, जिसमें खाली बोतलों में अस्वच्छ पानी को भरते हुए दिखाया गया था। बाद मं इन बोतलों को काफी चालाकी से सील तक लगाकर रेलवे सवारियों को बेचा जा रहा था।