पटना, 29 दिसम्बर (हि.स.) । अरुणाचल प्रदेश के घटनाक्रम को लेकर भाजपा और जदयू के बीच रिश्तो में आई तल्खी को अब जदयू के बड़े नेता खुले तौर पर स्वीकार करने लगे हैं। अरुणाचल की घटना के बाद जदयू और भाजपा के बीच रिश्तों में आई दरार अब साफ़ दिखने लगी है। इस बात पर जदयू के ही प्रदेश अध्यक्ष व राज्यसभा सांसद वशिष्ठ नारायण सिंह ने भी अपनी मुहर लगा दी है। उन्होंने कहा कि इसमें कोई दो राय नहीं है कि अरुणाचल के घटनाक्रम के बाद हमारे रिश्तो में दरार आई है। वशिष्ठ नारायण सिंह ने सोमवार को कहा कि पिछले 15 सालों में गठबंधन के अंदर ऐसा कभी नहीं हुआ।
जदयू के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश में जो कुछ हुआ, वह गठबंधन धर्म के विपरीत है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भाजपा के साथ पिछले 15 सालों की दोस्ती में ऐसा कभी नहीं किया। जैसा भाजपा ने अरुणाचल प्रदेश में किया है। पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में इसे लेकर हम अफसोस जाहिर कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी ने तय किया है कि अब बिहार के बाहर जदयू अपने बूते संगठन का विस्तार करेगा। हम चुनाव भी लड़ेंगे और पार्टी को राष्ट्रीय दल का दर्जा भी दिलाएंगे। वशिष्ठ नारायण सिंह ने यह भी कहा कि आरसीपी सिंह के जदयू अध्यक्ष बनने के बाद नीतीश कुमार भी सरकार के साथ-साथ पार्टी को अलग से वक्त दे पाएंगे। आरसीपी सिंह पहले से संगठन के लिए काम करते रहे हैं, लिहाजा अब पार्टी के विस्तार को खास तौर पर बिहार के बाहर जदयू अपना विस्तार कर पाएगा।